ई-क्रिकेट लीग में शामिल होने पर सारा तेंदुलकर ने कहा- ‘क्रिकेट मेरे डीएनए में है’

मुंबई, 30 अप्रैल . क्रिकेट न केवल एक खेल है, बल्कि भारत में यह एक भावना है, जो लोगों को जोड़ता है. इस खेल से गहरा नाता रखने वाली सारा तेंदुलकर, जो क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर की बेटी हैं, ने अब क्रिकेट के डिजिटल युग में कदम रखा है. सारा ने हाल ही में ग्लोबल ई-क्रिकेट प्रीमियर लीग (जीईपीएल) के बेंगलुरु में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया, जहां उन्होंने जेटसिंथेसिस के संस्थापक और सीईओ राजन नवानी के साथ सार्वजनिक बातचीत में अपनी क्रिकेट के प्रति दीवानगी और इसके डिजिटल विकास के महत्व को साझा किया.

सारा ने न केवल अपने परिवार के क्रिकेट से जुड़ाव को याद किया, बल्कि यह भी बताया कि कैसे वह इस खेल को नई पीढ़ी तक ले जाने के लिए उत्साहित हैं.

सारा के लिए क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि उनकी जिंदगी का हिस्सा है. उन्होंने कहा, “क्रिकेट मेरे घर में हमेशा से एक खास जगह रखता है. शायद यह सचमुच मेरे डीएनए में है. मैं इसके इर्द-गिर्द पली-बढ़ी हूं और मैंने देखा है कि यह खेल कितना शक्तिशाली है. यह सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि लोगों को एकजुट करने वाली ताकत है.” सारा ने अपने पिता सचिन तेंदुलकर और भाई अर्जुन तेंदुलकर को क्रिकेट खेलते देखा है, जिसने उनके लिए इस खेल को और भी खास बना दिया.

जीईपीएल में मुंबई फ्रेंचाइजी की मालिक बनने के सवाल पर सारा ने कहा, “मुंबई मेरा जन्मस्थान है, मेरा घर है. इसे प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए बेहद खास है. यह सिर्फ एक नए प्रारूप का हिस्सा बनने की बात नहीं है, बल्कि क्रिकेट को आज के दौर के हिसाब से आगे ले जाने का मौका है.” सारा का मानना है कि ई-क्रिकेट की सबसे बड़ी खासियत इसकी पहुंच और गतिशीलता है. उन्होंने कहा, “यह तेज, इंटरैक्टिव और तेजी से विकसित हो रहा है, जैसा कि हमारी दुनिया है. मुझे सबसे ज्यादा यह उत्साहित करता है कि यह युवाओं को क्रिकेट से जोड़ने के नए रास्ते खोलता है, चाहे वे खिलाड़ी हों, कंटेंट क्रिएटर हों या प्रशंसक.”

सारा ने युवा लड़कियों के लिए भी एक प्रेरणादायक संदेश दिया. उन्होंने कहा, “जो आपको पसंद है, उसे करें. खुद को सामने लाने से न डरें. बोलें, जोखिम लें और अगर आप असफल भी हों, तो रुकें नहीं. कोशिश करने में ही ताकत है.”

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