रांची, 29 जुलाई . झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाई कोर्ट से मिली जमानत को निरस्त करने की मांग वाली ईडी की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. शीर्ष कोर्ट ने हाई कोर्ट के जमानत के फैसले में दखल देने से इनकार कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर झारखंड सरकार में मंत्री दीपक बिरुआ ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, “सच्चाई को छिपाया नहीं जा सकता और सच समय से पहले सबके सामने आ ही जाता है. उनकी (भाजपा) मंशा झारखंड को अस्थिर करने और लोगों को परेशान करने की थी. लेकिन, वह अपनी मंशा में कामयाब नहीं हो पाए. अब सुप्रीम कोर्ट ने भी क्लीन चिट दे दी. हम कोर्ट के निर्णय का सम्मान करते हैं.”
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि सोरेन को हाई कोर्ट से मिली जमानत के आदेश में कोई त्रुटि नहीं है और इसमें हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है. इसके साथ ही कोर्ट ने ईडी की याचिका को निष्पादित कर दिया.
उन्होंने भाजपा पर हमला बोला और कहा, “झारखंड को बनाने के लिए बहुत सारे लोगों ने अपनी कुर्बानी दी है. लेकिन, कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो राजनीतिक चश्मे के नजरिए से झारखंड को देखते हैं. ये लोग सिर्फ जनता को भ्रमित करना चाहते हैं.”
ज्ञात हो कि हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने 28 जून को हेमंत सोरेन को कुछ शर्तों के साथ रेगुलर बेल दी थी. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि यह पूरा मामला संभावनाओं पर आधारित है. इस केस में ईडी ने अब तक इस बात का कोई पक्का सबूत पेश नहीं किया है कि 8.86 एकड़ जमीन के कब्जे में हेमंत सोरेन की कोई सीधी भूमिका है. यह भी साबित नहीं होता कि इसकी आड़ में सोरेन ने कोई ‘अपराध’ किया है.
कांग्रेस विधायक शिल्पी नेहा तिर्की के बयान पर मंत्री दीपक बिरुआ ने टिप्पणी की. उन्होंने कहा, “हमारी पार्टी सभी को एकसाथ लेकर चलती है. ये उनका निजी बयान है, इस पर मैं ज्यादा कुछ नहीं बोलूंगा. लेकिन, मीडिया को इस बारे में कांग्रेस से सवाल करना चाहिए.” नेहा तिर्की ने कहा था कि झारखंड की डेमोग्राफी बिहार से आए लोगों के कारण चेंज हो रही है.
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