शिमला, 28 अक्टूबर . हिमाचल प्रदेश के पांवटा साहिब के बाजारों में चीनी उत्पादों का दबदबा इस कदर देखने को मिल रहा है कि भारतीय उत्पादों को कोई पूछ तक नहीं रहा है. चीनी उत्पादों की मांग का अंदाजा महज इसी से लगाया जा सकता है कि जिन दुकानों पर चीन द्वारा निर्मित सामान मिल रहे हैं, वहां ग्राहकों का सैलाब उमड़ रहा है.
वहीं जिन दुकानों पर भारतीय उत्पाद मिल रहे हैं, वहां ग्राहक जाने तक की जहमत नहीं उठा रहे हैं. ऐसे में भारतीय उत्पाद बेचने वाले व्यापारियों के चेहरे पर मायूसी साफ झलक रही है. व्यापारियों कहना है कि बाजारों में चीनी उत्पादों की आमद ने उनकी टेंशन बढ़ा दी है.
व्यापारियों ने बताया कि हमने दीपावली को देखते हुए मिट्टी के दीये बनाने की शुरुआत दो महीने पहले ही कर दी थी. लेकिन, अब इसे कोई भी खरीदने को तैयार ही नहीं हो रहा है. ज्यादातर लोग चीनी दीयों को तवज्चो देते नजर आ रहे हैं. मिट्टी की दीये की मांग में कमी का एक कारण शायद यह भी है कि अब लोग ज्यादा मेहनत नहीं करना चाहते हैं. अब मिट्टी के दीयेए में तेल, रूई डालने के बाद उसे कोई जलाना नहीं चाहता है. शायद इसलिए भी इसकी मांग में कमी देखने को मिल रहा है. लोगों का रूझान जिस तेजी से चीनी दीयों की ओर बढ़ रहा है, उससे साफ है कि इस बार हमें खासा नुकसान होगा.
एक दुकानदार ने बताया कि वैसे तो हर साल दीपावली से पहले मिट्टी के दीये अच्छी खासी संख्या में बिक जाते थे. हमें अच्छा मुनाफा भी होता था. लेकिन, पता नहीं है कि क्यों इस बार ग्राहक चीनी उत्पादों को ज्यादा तवज्जो देते दिख रहे हैं.
हालांकि, बाजारों में रौनक देखने को मिल रही है. लेकिन, जिस तरह से भारतीय उत्पादों को दरकिनार किया जा रहा है, उससे हमारे चेहरे की मुस्कुराहट कहीं ना कहीं फीकी पड़ गई है.
दुकानदार विशाल ने बताया कि मिट्टी के दीये बनाने में हम सालभर मेहनत करते हैं. लेकिन, अब लोग मिट्टी के उत्पादों को खरीदने से बच रहे हैं. लोगों को झुकाव चीनी उत्पादों की ओर तेजी से बढ़ रहा है.
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एसएचके/जीकेटी