उपचुनाव की तारीख बदलने पर सपा-भाजपा के बीच वार-पलटवार; जयवीर सिंह ने कहा, ‘ये लोग हर बात को मुद्दा बना देते हैं’

मैनपुरी, 5 नवंबर . भारतीय निर्वाचन आयोग ने सोमवार को उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपचुनावों की तारीख 13 नवंबर से बदलकर 20 नवंबर कर दी है. इसके बाद से ही समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच वार-पलटवार जारी है.

इस बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री जयवीर सिंह ने मैनपुरी में पत्रकारों से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा.

सपा के लोग हर बात को मुद्दा बना देते हैं. पश्चिम की दो सीटों पर भी चुनाव है. यहां एक बहुत बड़ा उत्सव है. लोग उपवास के लिए 15 दिन का समय व्यतीत करते हैं. लाखों की संख्या में उन विधानसभा क्षेत्र के लोग मतदान से वंचित हो जाते हैं. उन लोगों के अनुरोध पर ही एक सप्ताह के लिए चुनाव आगे बढ़ाया गया है. पत्रकारों के एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय स्तर का उत्सव नहीं है. स्थानीय स्तर के उत्सव के दौरान इस तरह के कई संशोधन पहले भी होते रहे हैं.

धर्मेंद्र यादव का कहना है कि भाजपा ईवीएम में तिगड़म नहीं कर पाई है, इसलिए चुनाव आगे बढ़ दिया गया. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ये आरोप बेबुनियाद हैं. समाजवादी पार्टी और विपक्ष के लोग जब-जब चुनाव हारते हैं ये तब-तब हार का ठीकरा चुनाव आयोग पर फोड़ते हैं. जब-जब चुनाव जीत जाते हैं तो श्रेय खुद को देने का काम करते हैं, यह इनका चरित्र बन गया है. ये चुनाव आयोग को सबसे हल्के में लेते हैं और सबसे कमजोर मानते हैं. ये हारने का ठीकरा हमेशा चुनाव आयोग पर फोड़ते रहते हैं.

अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट किया है कि टालेंगे तो और बुरी तरह से हारेंगे. इस पर कैबिनेट मंत्री ने कहा कि 23 नवंबर का इंतजार करें. 9 की 9 सीटों पर कमल खिलने जा रहा है, सभी सीटों पर हमारे उम्मीदवार जीतेंगे और समाजवादी पार्टी का सफाया करने का काम करेंगे.

बंटोगे तो कटोगे के नारे पर डिंपल यादव ने कहा है कि भाजपा का स्तर बहुत गिर चुका है. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि देश का इतिहास गवाह है जब-जब सनातन कमजोर हुआ है, तब तब राष्ट्र कमजोर हुआ है. इस बात का प्रत्यक्ष गवाह हमारा इतिहास है.

एक अन्य सवाल के जवाब में भाजपा नेता ने कहा कि समाजवादी पार्टी का चरित्र और इतिहास हमेशा बेसिर पैर की बात करना रहा है. 2022 के चुनाव में भी हमने कहा था कि परिणाम आने दो देख लेंगे और आने वाले 2027 के चुनाव में उत्तर प्रदेश की जनता इनका सफाया करने का काम करेगी.

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