बिहार मतदाता सूची संशोधन पर अमित मालवीय ने कांग्रेस पर कसा तंज, कहा- वोट चोरी की कहानी सिर्फ दिखावा

New Delhi, 1 अक्टूबर . भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर हमला बोला और बिहार में उनके हालिया अभियान को एक Political स्टंट करार देते हुए दावा किया कि कांग्रेस पार्टी का ‘वोट चोरी का बयान एक दिखावा है’.

उनकी यह टिप्पणी चुनाव आयोग द्वारा बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के पूरा होने और अंतिम सूची प्रकाशित करने की घोषणा के तुरंत बाद आई है, जिसमें 7.42 करोड़ मतदाता शामिल हैं.

social media प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर मालवीय ने एक पोस्ट करते हुए लिखा, “चुनाव आयोग बिहार में एसआईआर प्रक्रिया पूरी कर रहा है और अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित कर रहा है. यह ध्यान रखना जरूरी है कि कांग्रेस पार्टी ने सूची में नाम शामिल करने या हटाने के लिए निर्धारित प्रारूप में एक भी शिकायत या आपत्ति दर्ज नहीं की है.”

मालवीय ने कहा, “यह राहुल गांधी की कपटी राजनीति को उजागर करता है.” उन्होंने आरोप लगाया कि गांधी की यात्रा लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए नहीं, बल्कि “अवैध प्रवासियों को बचाने” और राष्ट्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने के लिए थी.

उन्होंने अपने एक्स पोस्ट में आगे कहा, “यह तथाकथित ‘वोट चोरी’ की कहानी एक दिखावा मात्र है. यह चुनावी हार को छिपाने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में India के विश्वास को कम करने का एक बहाना है. यह सीधे जॉर्ज सोरोस की रणनीति का एक पन्ना है, जिसके बारे में राहुल गांधी मूर्खतापूर्ण रूप से मानते हैं कि इससे उनकी संकटग्रस्त पार्टी फिर से जिंदा हो सकती है.”

अगस्त में, राहुल गांधी ने बिहार के 20 जिलों में 1,300 किलोमीटर की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ की थी और चुनाव आयोग पर पक्षपातपूर्ण और अस्पष्ट संशोधन प्रक्रिया चलाने का आरोप लगाया था.

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि लाखों नाम, जिनमें से ज्यादातर गरीब, पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदायों से थे, गलत तरीके से मतदाता सूची से हटा दिए गए थे.

Tuesday को, चुनाव आयोग ने एसआईआर प्रक्रिया के सफल समापन की घोषणा की. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 24 जून तक 7.89 करोड़ मतदाता सूची में शामिल थे.

प्रारंभिक संशोधनों के बाद, 1 अगस्त को जारी मसौदा सूची में 65 लाख से ज्यादा मतदाता हटाए गए और 7.24 करोड़ मतदाता रह गए. दावों और आपत्तियों के बाद, अंतिम सूची में 21.53 लाख नए मतदाता जोड़े गए और 3.66 लाख और मतदाता हटाए गए, जिससे कुल मतदाताओं की संख्या 7.42 करोड़ रह गई.

आयोग ने बिहार के लोगों को इस व्यापक और पारदर्शी प्रक्रिया में भाग लेने के लिए धन्यवाद दिया.

वीकेयू/एएस