New Delhi, 16 सितंबर . India में सुबह की शुरुआत अक्सर एक प्याली चाय से होती है. उठते ही चाय की चुस्की लेना न सिर्फ आदत बन चुकी है, बल्कि कई लोगों के लिए दिनभर की ऊर्जा का एक तरीका भी है. लेकिन, ये आदत धीरे-धीरे आपके शरीर को नुकसान पहुंचा रही है.
आयुर्वेद के अनुसार, सुबह का समय शरीर के वात और पित्त दोषों के सक्रिय होने का होता है. इस वक्त पेट खाली होता है और उसमें प्राकृतिक रूप से पाचन अग्नि तेज होती है. ऐसे में अगर सीधे कैफीन और टैनिन से भरपूर चाय पी ली जाए, तो यह पाचन अग्नि को प्रभावित करती है. इससे न सिर्फ एसिडिटी और गैस की समस्या हो सकती है, बल्कि लंबे समय तक ऐसा करने से पेट की अंदरूनी परत को नुकसान पहुंच सकता है.
वहीं, नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, खाली पेट चाय पीने से शरीर में एसिड का स्तर बढ़ जाता है, जिससे गैस्ट्रिक इरिटेशन, जलन और अपच की समस्या होती है. चाय में मौजूद कैफीन शरीर में तनाव को बढ़ाने वाले हार्मोन यानी कॉर्टिसोल को भी बढ़ाता है. जब ये हार्मोन बार-बार और ज्यादा मात्रा में सक्रिय होता है, तो मानसिक अस्थिरता, चिड़चिड़ापन और नींद न आने जैसी समस्याएं सामने आती हैं.
खाली पेट कैफीन लेने से भूख भी कम लगने लगती है, जिससे शरीर को जरूरी पोषक तत्व समय पर नहीं मिल पाते. इससे आयरन की कमी, एनीमिया, और कमजोरी की शिकायत हो सकती है.
जो लोग दिन में 5 से 6 कप चाय पीते हैं, उनके शरीर में पोषक तत्वों का अवशोषण कम हो जाता है और थकान बनी रहती है.
सुबह उठते ही चाय पीना शरीर को ज्यादा डीहाइड्रेट कर सकता है. इससे त्वचा में रूखापन, सिरदर्द और सुस्ती महसूस हो सकती है.
इसके अलावा, चीनी और चाय में मौजूद एसिड मिलकर दांतों के इनेमल को कमजोर कर सकते हैं. लंबे समय तक ऐसा करने से दांत पीले पड़ सकते हैं और हड्डियां भी धीरे-धीरे कमजोर हो सकती हैं.
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पीके/एबीएम