श्रीनगर, 8 सितंबर . नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान पर पलटवार किया है, जिसमें उन्होंने घाटी में आतंकवाद की वृद्धि के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस को जिम्मेदार ठहराया था.
उमर अब्दुल्ला ने कहा, “आतंकवाद के खिलाफ अगर किसी तंजीम ने कुर्बानियां दी है, वो जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस है. मुझे अफसोस होता है, जब वजीर–ए-दाखिला साहब (गृह मंत्री) इस तरह की बातें करते हैं. आपस में इख्तिलाफ (राजनीतिक मतभेद) हो सकते हैं, लेकिन हकीकत को इस तरह से तोड़ मरोड़ कर पेश करना गलत है. जहां मैं खड़ा हूं, जिस उम्मीदवार के लिए वोट मांग रहा हूं, क्या उस घर की कुर्बानियां मुझे उन्हें दोबारा याद दिलानी होगी. यहां कई घर आतंकवाद के शिकार हुए हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस के हजारों वर्कर, हमारे सीनियर साथी, हमारे मंत्री, हमारे एमएलए, एमएलसी कुर्बान हुए हैं? क्या मुझे वजीर-ए-दाखिला साहब को यह याद दिलाना होगा.”
उन्होंने कहा, “जहां तक बात आतंकवाद की है, मुझे मालूम है कि उन्होंने अपनी तकरीर में कहा है कि अगर नेशनल कॉन्फ्रेंस की हुकूमत आती है, तो आतंकवाद बढ़ जाएगा. मैं उन्हें याद दिलाना चाहूंगा कि वो मेरी हुकूमत के छह साल देखें. छह साल तक लगातार आतंकवाद का ग्राफ नीचे गिरता चला गया. उसकी तुलना अगर पिछले छह साल से करें, तो आतंकवाद का ग्राफ बढ़ता गया है. जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को नई शुरुआत मौजूदा हुकूमत ने दी है. आज आप नए तरीके से आतंकवाद को घाटी में बढ़ते हुए देख रहे हो.”
उन्होंने कहा, “मैं आपको कई ऐसे जिलों के बारे में बता सकता हूं. मसलन, कठुआ, जम्मू, सांबा, राजौरी, पुंछ, उधमपुर, रियासी, डोडा, जहां आतंकवाद का असर देखने को मिल रहा है. अगर कोई आतंकवाद से लड़ने में नाकाम है, तो वह मौजूदा हुकूमत है और आने वाले दिनों में जब हमारी हुकूमत आएगी, तो हमें इस सूरतेहाल को दोबारा बदलेंगे.”
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