श्रीनगर, 22 अक्टूबर . जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में बडगाम और गांदरबल सीट से जीत दर्ज करने के बाद उमर अब्दुल्ला ने बडगाम सीट छोड़ने का फैसला किया है. इस सीट को छोड़ने के बाद वह गांदरबल के विधायक रहेंगे. बडगाम सीट को छोड़ने के फैसले के बाद उन्होंने बडगाम के मतदाताओं का आभार जताया.
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वह बडगाम के लोगों के प्रति हमेशा आभारी रहेंगे जिन्होंने उन्हें वोट दिया. लेकिन उन्हें यह सीट छोड़नी होगी. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “मैं बडगाम के लोगों के प्रति हमेशा आभारी रहूंगा, जिन्होंने मेरे पक्ष में मतदान किया.”
उन्होंने आगे लिखा, “मुझे खेद है कि नियमों के तहत मुझे दो सीटों में से एक खाली करनी होगी. मैं बडगाम के मतदाताओं से वादा करता हूं कि मैं हमेशा खुद को उनका प्रतिनिधि मानूंगा और अगले पांच वर्षों में उनकी समस्याओं के समाधान के लिए पूरी कोशिश करूंगा.”
बता दें कि उमर अब्दुल्ला ने दो विधानसभा सीटों से जीत दर्ज की है, जिसके कारण नियमों के तहत उन्हें एक सीट खाली करनी होगी. उमर अब्दुल्ला ने इसे कड़ा निर्णय बताते हुए कहा कि वह हमेशा बडगाम के लोगों के साथ रहेंगे. गांदरबल सीट अब्दुल्ला परिवार का गढ़ मानी जाती है. यही वजह है कि उन्होंने इस सीट से विधायक बने रहने का फैसला किया है.
उमर अब्दुल्ला के बडगाम सीट छोड़ने के बारे में जानकारी प्रोटेम स्पीकर मुबारक गुल ने सोमवार को विधानसभा में दी. उन्होंने सदन में यह घोषणा की कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बडगाम विधानसभा सीट खाली कर दी है.
उमर अब्दुल्ला पहले भी गांदरबल सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. वह 2009 से 2014 तक जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री भी रहे थे.
साल 2019 में आर्टिकल 370 को खत्म किए जाने के बाद केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में यह पहली चुनी हुई सरकार है और उमर अब्दुल्ला इस केंद्र शासित प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बने हैं.
–
पीएसके/एकेजे