मध्यपूर्व संकट के बीच तेल की कीमतें 5 महीने के उच्चतम स्तर पर, भारत के पास पर्याप्त आपूर्ति

New Delhi, 23 जून . ईरान में परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले के बाद Monday को तेल की कीमतें इस साल जनवरी के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं. ईरान ने होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने की धमकी दी, जिसके माध्यम से वैश्विक कच्चे तेल की आपूर्ति का लगभग 20 प्रतिशत प्रवाह होता है.

Monday को शुरुआती कारोबार में ब्रेंट क्रूड फ्यूचर 1.92 डॉलर या 2.49 प्रतिशत बढ़कर 78.93 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया.

यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड 1.89 डॉलर या 2.56 प्रतिशत बढ़कर 75.73 डॉलर पर पहुंच गया.

ब्रेंट क्रूड की कीमतों में 5 प्रतिशत तक की तेजी आई. हालांकि, कीमतें उन स्तरों पर टिक नहीं पाईं और लगभग तुरंत ही शुरुआती बढ़त कम हो गई.

बढ़ते भू-Political तनाव और अमेरिकी भंडार में उम्मीद से अधिक गिरावट के बीच कच्चे तेल की कीमतों में लगातार तीसरे सप्ताह तेजी जारी रही.

इजरायल और ईरान के बीच चल रही शत्रुता ने मध्य पूर्व में आपूर्ति से जुड़ी चिंताओं को बढ़ा दिया है, जो वैश्विक तेल निर्यात के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्र है.

यूएस एनर्जी इंफोर्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन (ईआईए) के अनुसार, पिछले सप्ताह कच्चे तेल के भंडार में 11.5 मिलियन बैरल की गिरावट आई, जो अनुमानित 2.3 मिलियन बैरल की गिरावट से काफी अधिक है.

मेहता इक्विटीज लिमिटेड के उपाध्यक्ष कमोडिटीज राहुल कलंत्री ने कहा, “आज के सत्र में कच्चे तेल को 74.20-73.40 डॉलर पर समर्थन और 75.65-76.20 डॉलर पर प्रतिरोध देखने को मिल रहा है. रुपए के संदर्भ में, कच्चे तेल को 6,400-6,320 रुपए पर समर्थन मिल रहा है, जबकि प्रतिरोध 6,580-6,690 रुपए पर है.”

भले ही होर्मुज जलडमरूमध्य के बंद होने की संभावना एक खतरा है, लेकिन यह समझना महत्वपूर्ण है कि यह हमेशा से केवल एक खतरा रहा है और जलडमरूमध्य कभी बंद नहीं हुआ.

जियोजित इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा, “सच तो यह है कि होर्मुज जलडमरूमध्य के बंद होने से ईरान और ईरान के मित्र चीन को सबसे ज्यादा नुकसान होगा.”

इस बीच, केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ईरान के परमाणु स्थलों पर अमेरिकी बमबारी के कारण मध्य पूर्व में भू-Political तनाव बढ़ने के कारण भारतीय उपभोक्ताओं को तेल आपूर्ति में बाधा की आशंकाओं को दूर किया है.

Union Minister पुरी ने कहा, “हम पिछले दो हफ्तों से मध्य पूर्व में विकसित हो रही भू-Political स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं. Prime Minister Narendra Modi के नेतृत्व में हम पिछले कुछ वर्षों में अपनी आपूर्ति में विविधता लाए हैं और अब हमारी आपूर्ति का एक बड़ा हिस्सा होर्मुज जलडमरूमध्य से नहीं आता है.”

एसकेटी/