भुवनेश्वर, 29 अक्टूबर . ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने रविवार को कहा कि राज्य में आपदा-रोधी बुनियादी ढांचा तैयार करने के लिए दो हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जाएंगे.
यहां रवीन्द्र मंडप में ओडिशा आपदा तैयारी दिवस, 2023 के राज्य स्तरीय अवलोकन में एक सभा को संबोधित करते हुए पटनायक ने कहा कि उनकी सरकार विनाशकारी प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने के लिए लचीले बुनियादी ढांचे को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है.
राज्य हर साल 29 अक्टूबर को 24 साल पहले इसी दिन ओडिशा में आए विनाशकारी महाचक्रवात को याद करते हुए आपदा तैयारी दिवस मनाता है. सुपर साइक्लोन के कारण राज्य में बड़े पैमाने पर जनजीवन की हानि हुई थी.
मुख्यमंत्री ने कहा, “तब से, हमने आपदाओं के दौरान ओडिशा को सुरक्षित बनाने में महत्वपूर्ण प्रगति की है. आज, हम अन्य राज्यों और देशों के लिए अनुकरणीय मॉडल हैं. प्रभावी आपदा प्रबंधन के हमारे प्रयासों को व्यापक प्रशंसा मिली है. ओडिशा को भारत सरकार द्वारा वर्ष 2023 के लिए प्रतिष्ठित नेताजी सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.”
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार की त्वरित प्रतिक्रिया के कारण इस साल 2 जून को बहानागा में दु:खद ट्रेन दुर्घटना के दौरान गंभीर चोटों के बावजूद कई लोगों की जान बचाई जा सकी.
सीएम पटनायक ने कहा, “स्थानीय समुदायों, स्वयंसेवकों, पीआरआई सदस्यों और ओडीआरएएफ, अग्निशमन सेवाओं और एनडीआरएफ जैसे विशेष प्रतिक्रिया बलों के तत्काल हस्तक्षेप और निश्चित रूप से डॉक्टरों के अथक प्रयासों के कारण हम कई लोगों की जान बचा सके.”
पटनायक ने सभा को सूचित किया कि किसी भी आपदा पर प्रतिक्रिया समय को कम करने के लिए कटक, बेरहामपुर, संबलपुर और रायगड़ा में चार क्षेत्रीय आपदा प्रतिक्रिया केंद्र स्थापित किए जाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि विभिन्न आपदाओं के लिए राज्यव्यापी जोखिम मानचित्रण किया जाएगा.
इस वर्ष ‘ओडिशा आपदा तैयारी दिवस’ की थीम “लचीले ओडिशा के लिए समुदाय को सशक्त बनाना” है.
पटनायक ने कहा, “किसी भी आपदा की स्थिति में, हमारा समुदाय सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाला होता है. पंचायती राज संस्थाओं के स्तर पर आपदा प्रबंधन योजना सुनिश्चित करने के लिए पंचायत अधिनियमों में संशोधन किए गए हैं. समुदायों को लचीला बनाने के लिए 10 हजार से अधिक संवेदनशील गांवों में आपदा प्रबंधन योजनाएं तैयार की जाएंगी.”
इस बीच, विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) सत्यब्रत साहू ने कहा कि राज्य में अधिकतम लोग तीन प्रमुख कारणों – सांप के काटने, बिजली गिरने और डूबने से मर रहे हैं. साँप के काटने से होने वाली मौतों और डूबने से होने वाली मौतों को रोकने के लिए जमीनी स्तर पर जागरूकता बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान आयोजित किए जाएंगे.
आसमानी बिजली को अवशोषित करने वाले ताड़ के पेड़ों के बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण को सुनिश्चित करने के लिए विशेष बजट आवंटन किया जाएगा. ओडिशा आपदा रैपिड एक्शन फोर्स (ओडीआरएएफ) इकाइयां वर्तमान में 20 जिलों में मौजूद हैं और सभी 30 जिलों में ओडीआरएएफ इकाइयों की स्थापना के लिए राज्य सरकार को एक प्रस्ताव भेजा गया है.
–
एकेजे