भुवनेश्वर, 10 सितंबर . ओडिशा सरकार ने ‘इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति- 2025’ का मसौदा पेश किया है, जो राज्य में ग्रीन ट्रांसपोर्ट (हरित गतिशीलता) को बढ़ावा देने और सतत परिवहन में देश में अग्रणी बनने की दिशा में एक महत्वाकांक्षी योजना लेकर आया है.
इस नीति के तहत 2030 तक नए पंजीकरण में 50 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहनों को शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है. यह योजना दोपहिया से लेकर बस, ट्रक और निर्माण उपकरणों तक सभी प्रकार के वाहनों को कवर करेगी. यह कदम इसलिए उठाया गया है, क्योंकि राज्य की 2021 ईवी नीति का लक्ष्य अगस्त 2025 तक 20 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने का था. लेकिन, अभी तक सिर्फ 9 फीसदी लक्ष्य ही हासिल हो सका है.
नीति में कई नए कदम शामिल हैं, जिनमें इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सब्सिडी देना प्रमुख है. यह सब्सिडी दोपहिया, तिपहिया, चार पहिया वाहनों, बसों, ट्रकों और पुराने वाहनों को नया रूप देने वाले रेट्रोफिटेड वाहनों के लिए होगी, जो उनके प्रदर्शन और दक्षता पर आधारित होगी. चार्जिंग सुविधा को मजबूत करने के लिए ईंधन पंपों और बस टर्मिनलों पर फास्ट चार्जिंग स्टेशन लगाना अनिवार्य होगा.
राजमार्गों पर चार्जिंग स्टेशन बनाने के लिए वीजीएडी और बैटरी-स्वैपिंग के लिए पूंजीगत सब्सिडी दी जाएगी. ईवी निर्माण और नई तकनीक के विकास के लिए 15 करोड़ रुपए का Chief Minister ईवी अनुसंधान अनुदान दिया जाएगा, साथ ही उत्कृष्टता और इनक्यूबेशन केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे.
कौशल विकास के लिए एससीटीई और वीटी के तहत विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू होंगे, जिससे 2030 तक 500 कुशल पेशेवर तैयार हो सकें. पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए बैटरी रीसाइक्लिंग और सेकेंड-लाइफ उपयोग को प्रोत्साहित किया जाएगा.
नीति को सही तरीके से लागू करने के लिए राज्य ईवी सेल, संचालन समिति और टास्क फोर्स का गठन होगा, जो सभी हितधारकों के साथ तालमेल बनाए रखेगा. यह नीति 31 दिसंबर, 2030 तक लागू रहेगी. सरकार ने जनता और हितधारकों से ओडिशा राजपत्र में प्रकाशन के 30 दिनों के भीतर सुझाव मांगे हैं.
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एसएचके/एबीएम