केआईआईटी मामले की न्यायिक जांच से ओडिशा सरकार का इनकार दुखद : तारा प्रसाद बहिनीपति

भुवनेश्वर, 21 फरवरी . कांग्रेस ने शुक्रवार को ओडिशा विधानसभा में केआईआईटी विश्वविद्यालय में एक नेपाली छात्रा की मौत के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव पेश किया. पार्टी ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय में नेपाली छात्रों के साथ गलत व्यवहार किया जा रहा है.

कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक तारा प्रसाद बहिनीपति ने केआईआईटी विश्वविद्यालय प्रशासन पर नेपाली छात्रों के साथ गलत व्यवहार करने का आरोप लगाया. उन्होंने समाचार एजेंसी से कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने नेपाली छात्रों को पीटा और उन्हें हॉस्टल छोड़ने के लिए मजबूर किया. कांग्रेस नेता ने इस मामले की न्यायिक जांच की मांग की, लेकिन सरकार ने इसकी स्वीकृति देने से इनकार कर दिया.

तारा प्रसाद ने कहा, “हमने सरकार से न्यायिक जांच की मांग की, लेकिन सरकार ने हमारी मांग को नकारा. यह स्थिति अत्यंत दुखद है और सरकार की अनदेखी को दर्शाती है.”

उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली सरकार के समय केआईआईटी पर जमीन हड़पने के आरोप लगे थे और अब वर्तमान सरकार केआईआईटी को संरक्षण प्रदान कर रही है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और बीजू जनता दल (बीजद) दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, जो एक-दूसरे को सहयोग देते हैं.

उल्लेखनीय है कि ओडिशा सरकार ने केआईआईटी के छात्रावास परिसर में एक नेपाली छात्रा की मौत और संस्थान द्वारा की गई कार्रवाई की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय तथ्य अन्वेषण समिति का गठन किया है.

राज्य सरकार ने एक बयान में कहा था कि केआईआईटी विश्वविद्यालय से संबंधित हाल की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के मद्देनजर ओडिशा सरकार ने मामले का तत्काल संज्ञान लिया है और सुरक्षा गार्डों की गिरफ्तारी तथा दोषी अधिकारियों को निलंबित करने के लिए कदम उठाए हैं. संस्था को नोटिस जारी कर दिया गया है तथा समिति के निष्कर्षों के आधार पर उचित कानूनी और प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी.

एक आधिकारिक बयान में बताया गया था कि समिति की अध्यक्षता गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) करेंगे, जिसमें महिला एवं बाल विकास और उच्च शिक्षा विभाग के सदस्य शामिल होंगे. समिति में अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह सत्यव्रत साहू, महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रधान सचिव सुभा शर्मा और उच्च शिक्षा सचिव अरविंद अग्रवाल शामिल हैं.

पीएसके/एकेजे