किसानों की समस्याओं को लेकर ओडिशा सरकार बेपरवाह, समाधाना जरूरी : प्रसन्ना आचार्य

भुवनेश्वर, 18 अगस्त . बीजू जनता दल (बीजद) के वरिष्ठ नेता प्रसन्ना आचार्य ने बरगढ़ में चल रहे किसान आंदोलन की अनदेखी के लिए Government की कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा कि देश का पेट भरने वाले किसानों को अपना वाजिब हक मांगने के लिए आवाज उठाने पर मजबूर होना पड़ रहा है.

प्रसन्ना आचार्य ने किसानों द्वारा उठाई गई प्रमुख चिंताओं पर प्रकाश डाला, जिनमें पंजीकरण प्रक्रिया का सरलीकरण, उर्वरकों की समय पर उपलब्धता और उनकी कालाबाज़ारी पर अंकुश, मंडियों में पड़े धान का उठाव और किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करना शामिल है.

उन्होंने ग्रेडिंग और छंटाई के नाम पर मनमानी कटौती की भी निंदा की, जिससे किसानों को इनपुट सब्सिडी से वंचित होना पड़ता है.

प्रसन्ना आचार्य ने कहा, “Government किसानों की परेशानियों पर आंखें मूंद रही है. उनकी समस्याओं का तत्काल समाधान किया जाना चाहिए.”

प्रसन्ना आचार्य ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था एक Political दल के एजेंट की तरह काम करती दिख रही है, जिससे इसकी निष्पक्षता पर संदेह पैदा होता है.

वहीं वरिष्ठ बीजद नेता और पूर्व मंत्री प्रताप जेना ने Sunday को बरगढ़ में किसानों के विरोध प्रदर्शन का पुरजोर समर्थन किया और डबल इंजन Government पर किसानों के हितों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया.

जेना ने कहा कि नवीन Patnaयक के कार्यकाल में किसानों के कल्याण को हमेशा प्राथमिकता दी गई. पहली बार कृषि के लिए अलग से बजट आवंटित किया गया और विभाग में सुधार किए गए. Odisha को India Government द्वारा पांच बार ‘कृषि कर्मण पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया, जो नवीन Patnaयक की कृषि नीतियों की सफलता को दर्शाता है. पिछले 14 महीनों में डबल इंजन Government ने किसानों को पूरी तरह निराश किया है.

उन्होंने कहा, “नए पंजीकरण नियमों ने घर-घर में विवाद पैदा कर दिया है और खरीद प्रक्रिया को धीमा कर दिया है. भाजपा के ‘नो कट, नो डिडक्शन’ के वादे के बावजूद किसानों को पंजीकरण और धान खरीद में रुकावटों का सामना करना पड़ रहा है, भुगतान में देरी हो रही है. उर्वरकों की कमी है और कालाबाजारी चरम पर है और Government द्वारा आपूर्ति किए जाने वाले बीज घटिया गुणवत्ता के हैं.”

उन्होंने आगे कहा कि बीजद ने इन मुद्दों पर एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें Odisha के किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए India के President से हस्तक्षेप करने की मांग की गई है. जब तक किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं हो जाता, बीजद का आंदोलन जारी रहेगा.

एनडीए के उपPresident पद के उम्मीदवार के रूप में सीपी राधाकृष्णन के नामांकन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जेना ने कहा कि यह भाजपा का आंतरिक मामला है. Odisha के किसानों की दुर्दशा बीजद के लिए ज्यादा चिंता का विषय है.

‘वोट चोरी’ के आरोपों पर उन्होंने कहा कि Political दलों को जनता को गुमराह करने से बचना चाहिए और किसानों की समस्या जैसे लोगों के वास्तविक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.

एकेएस/जीकेटी