भुवनेश्वर, 15 मार्च . ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (ओपीसीसी) ने शुक्रवार को अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी किया. इस घोषणा पत्र में राज्य के लोगों को नौ गारंटी दी गई हैं.
लोकसभा चुनाव के साथ ही चुनाव आयोग शनिवार को ओडिशा विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान करने वाला है.
भुवनेश्वर में शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के अध्यक्ष शरत पटनायक, पार्टी के राज्य प्रभारी अजय कुमार और अन्य राज्य नेताओं की मौजूदगी में घोषणा पत्र जारी किया गया.
पार्टी ने घोषणा पत्र में राज्य में किसानों को बोनस के साथ धान के लिए 3,000 रुपये प्रति क्विंटल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देने का वादा किया है. कृषि ऋण माफी की घोषणा करते हुए पार्टी ने सत्ता में आने पर राज्य के प्रत्येक किसान को 2,000 रुपये की पेंशन देने का भी वादा किया.
घोषणा पत्र में कर्नाटक की तरह ओडिशा में भी प्रत्येक घर के लिए 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली का आश्वासन दिया.
कांग्रेस ने राज्य में 5 लाख बेरोजगार युवाओं को नौकरी देने का भी वादा किया है. पार्टी प्रत्येक स्नातक को बेरोजगारी भत्ते के रूप में 3,000 रुपये का भुगतान भी करेगी.
पार्टी ने महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा लिए गए ऋण को माफ करने का भी वादा किया. गृहलक्ष्मी योजना के तहत परिवार की महिला मुखिया के लिए 2,000 रुपये की घोषणा की गई.
इसके अलावा प्रत्येक परिवार को 500 रुपये प्रति सिलेंडर पर गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने, राज्य के सभी निजी और सरकारी अस्पतालों में सरकारी कर्मचारियों सहित सभी को 25 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज देने का वादा किया गया है.
कांग्रेस ने विधवा, दिव्यांग और वृद्धावस्था पेंशन राशि को हर महीने 2,000 रुपये तक बढ़ाने का भी आश्वासन दिया.
कांग्रेस सत्ता में आने के बाद राज्य में जाति आधारित जनगणना कराएगी. यह कदम पिछड़े वर्गों के लिए नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 27 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करेगा.
इसके अलावा, कांग्रेस ने हर गांव में गौ शालाएं और हर ग्राम पंचायत में गौ सेवा केंद्र स्थापित करने का वादा किया है. सत्ता में आने के पहले चार वर्षों के भीतर घोषणा पत्र में किए गए वादों को पूरा करने का वादा किया है.
पार्टी ने जमाकर्ताओं को चिट-फंड घोटाले में खोई राशि छह महीने के भीतर लौटाने का भी आश्वासन दिया.
इस मौके पर पीसीसी अध्यक्ष पटनायक ने कहा कि पार्टी 18 मार्च को हर जिला मुख्यालय पर प्रेस वार्ता करेगी और वहां जो भी मांगें उठाई जाएंगी, उन्हें घोषणापत्र में जोड़ा जाएगा.
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एफजेड/एबीएम