ओडिशा के मुख्यमंत्री ने अपने खिलाफ पुलिस की बर्बरता को किया याद

भुवनेश्वर, 27 सितंबर . मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने शुक्रवार को भुवनेश्वर के लोक सेवा भवन के कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में भाषण के दौरान पुलिस दुर्व्यवहार के बारे में अपने कड़वे अनुभव बताए.

सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष आम चुनाव से कुछ महीने पहले उनके निर्वाचन क्षेत्र क्योंझर के एक पुलिस थाने के इंस्पेक्टर ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया था.

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें सूचना मिली थी कि पेयजल समस्या को लेकर स्थानीय लोगों द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग 20 को अवरूद्ध कर दिया गया है, जिसके बाद वह क्योंझर में एक स्थान पर गए थे.

मुख्यमंत्री ने याद करते हुए कहा, “मैं पुलिस स्टेशन गया और वहां कुछ संबंधित अधिकारियों को बुलाया. जब हमने मामले को सुलझाने कोशिश की, तो पुलिस स्टेशन के आईआईसी (प्रभारी निरीक्षक) भड़क गए और मुझ पर चिल्लाने लगे. उन्होंने मुझे ‘बाहर निकलो’ भी कहा. ऐसी स्थितियों का भी सामना करना पड़ता है. आईआईसी पर किसने दबाव डाला था जिसके लिए उन्होंने मौजूदा विधायक और विपक्षी पार्टी के चिप व्हिप को बाहर निकल जाने को कहा?”

उन्होंने कहा, “क्या किसी विधायक या उम्मीदवार को यह अधिकार नहीं है कि अगर उस पर कोई हमला होता है तो वह पुलिस स्टेशन जाकर शिकायत दर्ज कराए? आईआईसी ने कहा कि मुझे पुलिस स्टेशन आने का अधिकार नहीं है.”

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह घटना राज्य में भाजपा की सरकार बनने से एक महीने पहले की है. उन्होंने कहा कि भगवान जगन्नाथ के आशीर्वाद से उन्हें चुनाव में जीत मिली और ओडिशा का मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिला, लेकिन उन्होंने संबंधित आईआईसी को माफ कर दिया, क्योंकि अधिकारी ने किसी के कहने पर दुर्व्यवहार किया था.

उन्होंने कहा, “पिछली सरकार के कार्यकाल में ‘आमा थाने’ की परिभाषा क्या थी? जब भी कोई आम आदमी अपनी शिकायत लेकर थाने में आता है, तो हेल्प डेस्क पर मौजूद कर्मचारियों को उसके साथ उचित व्यवहार करना चाहिए. जब ​​कोई व्यक्ति कहता है कि वह एफआईआर दर्ज कराने आया है, तो उसे उचित कार्रवाई के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के पास ले जाना चाहिए.”

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पिछली बीजद सरकार के दौरान रेत जैसे छोटे खनिजों की बड़े पैमाने पर चोरी हो रही थी. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पिछली सरकार में जो प्रथाएं चली आ रही थीं, उनमें से बहुत सी प्रथाएं समाप्त हो गई हैं.

उन्होंने कलेक्टरों से कहा कि उन्हें पर्याप्त अधिकार दिए गए हैं और उन्हें गौण खनिजों की चोरी या अवैध तस्करी में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार शराब के अवैध कारोबार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएगी. साथ ही उन्होंने कलेक्टरों से आदिवासियों पर अत्याचार की घटनाओं को रोकने का आग्रह किया.

आरके/जीकेटी