नई दिल्ली, 23 मार्च . कमर की परिधि यानी वेस्ट सरकम्फ्रेंस (डब्ल्यूसी) पुरुषों में मोटापे से जुड़े कैंसर का बड़ा संकेतक हो सकती है, जबकि महिलाओं में ऐसा नहीं पाया गया, एक नए अध्ययन में यह बताया गया है.
बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) आमतौर पर शरीर के आकार को मापता है, लेकिन यह शरीर में चर्बी कहां-कहां फैली हुई है, यह नहीं बताता है. इसके विपरीत, कमर की चौड़ाई पेट की चर्बी से अधिक जुड़ी होती है.
डॉ. मिंग सन, डॉ. जोसेफ फ्रिट्ज और डॉ. तान्जा स्टॉक्स द्वारा किए गए अध्ययन में बताया गया है कि यह अंतर बहुत महत्वपूर्ण है. पेट के अंदर के अंगों के चारों ओर जमा होने वाली चर्बी, जिसे विसरल फैट कहते हैं, शरीर में अधिक मेटाबोलिक एक्टिव होती है और यह इंसुलिन प्रतिरोध, इंफ्लेमेशन और खून में असामान्य वसा स्तर जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है.
इसलिए, एक जैसे बॉडी मास इंडेक्स वाले लोगों में भी, शरीर में चर्बी का बंटवारा अलग होने की वजह से, कैंसर का खतरा भी अलग-अलग हो सकता है.
इस अध्ययन में स्वीडन में 1981 से 2019 तक 3,39,190 लोगों के स्वास्थ्य आंकड़ों का विश्लेषण किया गया, जिनकी बीएमआई और कमर की चौड़ाई मापी गई थी. इनमें से 61 प्रतिशत माप डॉक्टरों द्वारा ली गईं, जबकि 39 प्रतिशत लोगों ने खुद अपनी जानकारी दी इन लोगों की औसत उम्र 51.4 वर्ष थी. कैंसर से जुड़ी जानकारी स्वीडन के कैंसर रजिस्टर से ली गई.
शोधकर्ताओं ने बीएमआई और कमर की चौड़ाई के आधार पर मोटापे से जुड़े कैंसर के जोखिम की तुलना की. इसमें उम्र, धूम्रपान की आदतें, शिक्षा, आय, जन्म स्थान और वैवाहिक स्थिति जैसे कई कारकों को ध्यान में रखा गया.
करीब 14 साल के औसत अध्ययन काल में 18,185 मोटापे से जुड़े कैंसर के मामले सामने आए. जब बीएमआई को ध्यान में रखते हुए विश्लेषण किया गया, तब भी पुरुषों में अधिक कमर की चौड़ाई कैंसर के खतरे से जुड़ी रही. इसका मतलब है कि पेट की चर्बी से कैंसर का खतरा केवल बड़े शरीर के कारण नहीं, बल्कि विशेष रूप से पेट में जमा चर्बी के कारण होता है.
महिलाओं में यह संबंध कमजोर पाया गया और बीएमआई व कमर की चौड़ाई दोनों के लिए समान था.
पुरुषों में, पेट की चर्बी से मोटापे के कारण होने वाले कैंसर का खतरा बना रहा. इससे पता चलता है कि पेट की चर्बी एक अलग खतरा है, चाहे उस व्यक्ति का वजन या शरीर में चर्बी का बंटवारा कैसा भी हो. वहीं, महिलाओं में, पेट की चर्बी और शरीर के वजन दोनों का खतरा कम था, और लगभग बराबर था.
शोधकर्ताओं के अनुसार, इसका कारण यह हो सकता है कि पुरुषों के शरीर में चर्बी ज्यादातर पेट के अंदर जमा होती है, जबकि महिलाओं में यह त्वचा के नीचे और शरीर के अन्य हिस्सों में अधिक होती है.
अध्ययन में यह भी सुझाव दिया गया कि यदि कूल्हों की चौड़ाई को भी अध्ययन में शामिल किया जाए, तो महिलाओं में कमर की चौड़ाई और कैंसर के बीच संबंध को और बेहतर तरीके से समझा जा सकता है.
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