ओबीसी सूची : पश्चिम बंगाल सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी

New Delhi, 25 जून . ओबीसी कोटे में उप-श्रेणियां जोड़ने के फैसले को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार ने अब Supreme court का रुख कर लिया है. कलकत्ता हाईकोर्ट ने हफ्तेभर पहले बंगाल सरकार के फैसले पर अंतरिम रोक लगाई थी. फिलहाल सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को Supreme court में चुनौती दी है.

पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से पिछली 113 श्रेणियों वाली लिस्ट को बदलकर 140 उप-श्रेणियों वाली लिस्ट लाई गई थी. ममता बनर्जी की अगुवाई वाली सरकार ने 10 जून को पश्चिम बंगाल विधानसभा में संशोधित ओबीसी-ए और ओबीसी-बी सूची पेश की थी, जिसमें 76 नई श्रेणियों को शामिल किया गया था. इस प्रकार कुल संख्या 140 हो गई.

इस लिस्ट में 80 मुस्लिम और 60 गैर-मुस्लिमों को रखा गया. मुस्लिम उप-श्रेणियों की संख्या 77 से बढ़कर 80 की गई थी, जबकि गैर-मुस्लिम श्रेणियों की संख्या 36 से बढ़कर 60 की गई.

State government के हालिया फैसले पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने 17 जून को अपना फैसला देते हुए अंतरिम रोक लगाई. हाईकोर्ट में सरकार के फैसले के खिलाफ याचिका लगाई गई थी. इस पर सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने अधिसूचना पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया था.

हाईकोर्ट में अगली सुनवाई की तारीख 31 जुलाई रखी गई. न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की खंडपीठ ने कहा कि अंतरिम रोक 31 जुलाई तक प्रभावी रहेगी, जब मामले की अगली सुनवाई होगी और राज्य सूची के आधार पर कोई कदम नहीं उठा सकता. हालांकि फिलहाल बंगाल सरकार ने Supreme court का रुख कर लिया है.

इसके पहले की लिस्ट को हाईकोर्ट ने रद्द करते हुए उससे संबंधित सभी सरकारी आदेशों और ओबीसी जाति प्रमाणपत्र आवेदन पोर्टल को भी निलंबित कर दिया था. कलकत्ता हाईकोर्ट ने सरकार की पिछली ओबीसी सूची को 113 उप-श्रेणियों के साथ खारिज कर दिया था, जिनमें से 77 मुस्लिम समुदाय से संबंधित बताए गए थे.

डीसीएच/एएस