महाराष्ट्र : सरकार के नए जीआर के खिलाफ ओबीसी नेता, मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने दी प्रतिक्रिया

नागपुर, 7 सितंबर . Maharashtra के नागपुर जिले में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने ओबीसी नेताओं द्वारा राज्य Government की ओर से जारी मराठा आरक्षण पर ‘जीआर’ के खिलाफ कोर्ट जाने को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस मुद्दे पर वे छगन भुजबल से बात करेंगे.

बावनकुले ने कहा, “व्यक्तिगत रूप से बयान देना उनके (ओबीसी नेताओं) अधिकार क्षेत्र में है.” उन्होंने कहा कि मैं भी छगन भुजबल से कैबिनेट सब कमेटी में बात करने वाला हूं और उनकी बातें सुनने वाला हूं.

यह बयान ऐसे समय में आया है जब Maharashtra में ओबीसी आरक्षण को लेकर बहस तेज हो गई है. ओबीसी नेताओं का कहना है कि इससे उनके हक पर असर पड़ेगा. हालांकि, Government का मानना है कि उसने सभी समुदायों के हितों का ध्यान रखकर हैदराबाद गजट को लागू किया है.

प्रेस कॉन्फ्रेंस में GST सुधारों को लेकर मंत्री बावनकुले से जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने Prime Minister Narendra Modi की तारीफ करते हुए कहा, “GST में Prime Minister ने जिस तरह से आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए छूट दी है, वह सराहनीय है.”

GST परिषद ने कई वस्तुओं और सेवाओं पर कर दरों में बदलाव किया है, जिसका मकसद आम जनता, खासकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को राहत देना है. इन बदलावों से छोटे व्यापारियों और उद्यमियों को भी फायदा होने की उम्मीद है.

बावनकुले के अनुसार, Government की कोशिश है कि GST का बोझ आम आदमी पर कम से कम पड़े और इसे और अधिक सरल बनाया जाए. उन्होंने Prime Minister के इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि यह आर्थिक समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

बता दें कि 3 सितंबर को ओबीसी के हितों को ध्यान में रखते हुए Maharashtra Government ने नई उप-समिति का गठन किया था. इस नई उप-समिति की कमान भाजपा नेता चंद्रशेखर बावनकुले को सौंपी गई थी.

समिति में कुल 8 सदस्य शामिल किए गए थे, जो राज्य की तीन प्रमुख सत्ताधारी पार्टियों से आते हैं.

समिति के सदस्यों में छगन भुजबल (एनसीपी), गणेश नाइक (भाजपा), गुलाबराव पाटिल (शिवसेना), संजय राठौड़ (शिवसेना), पंकजा मुंडे (भाजपा), अतुल सावे (भाजपा) और दत्तात्रेय भराणे (एनसीपी) के नाम शामिल हैं. दलों के अनुसार, भाजपा से 4, शिवसेना से 2 और एनसीपी से 2 सदस्य शामिल हैं.

2 सितंबर को Maharashtra Government ने मराठा आरक्षण को लेकर नया जीआर जारी किया था, जिसके तहत मराठा समुदाय के पात्र व्यक्तियों को ‘कुणबी’, ‘मराठा-कुणबी’ या ‘कुणबी-मराठा’ के रूप में जाति प्रमाणपत्र जारी करने की स्पष्ट प्रक्रिया निर्धारित की गई थी.

वीकेयू/डीकेपी