नर्स निमिषा प्रिया मामला : राष्ट्रपति मुर्मू और पीएम मोदी को पत्र लिख मदद मांगेंगे भारत के ग्रैंड मुफ्ती

तिरुवनंतपुरम, 22 जुलाई . केरल की नर्स निमिषा प्रिया की यमन में फांसी की सजा टलने के बाद अब उसको बचाने के लिए दूसरे चरण का प्रयास तेज हो गया है. इस प्रयास के तहत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद मांगी जा रही है.

केरल के पलक्कड़ जिले की रहने वाली निमिषा को उनकी यमन की बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो महदी की हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था. उनकी फांसी 16 जुलाई को होनी थी, लेकिन केरल के मुस्लिम स्कॉलर और भारत के ग्रैंड मुफ्ती कंथापुरम एपी अबूबकर मुसलियार की कोशिशों से इसे एक दिन पहले रोक दिया गया.

यमन में इस्लामी दर्शनशास्त्र की पढ़ाई कर चुके मुफ्ती के करीबी सहयोगी जवाद मुस्तफावी ने से बात करते हुए कहा कि Tuesday को मुफ्ती की ओर से राष्ट्रपति और पीएम मोदी को पत्र भेजकर मदद मांगी जाएगी. हमारा एकमात्र उद्देश्य प्रिया की रिहाई है और हम अपनी भूमिका निभा रहे हैं.

मुफ्ती ने यमन के प्रसिद्ध सूफी धर्मगुरु शेख हबीब उमर से संपर्क किया, जिनके हस्तक्षेप से मामला तेजी से आगे बढ़ा.

मुस्तफावी ने कहा, “अब दूसरे चरण में शेख हबीब द्वारा नियुक्त यमन के नागरिकों की एक टीम (जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं) मृतका के घर पहुंचेगी और उनसे बात करेगी कि मौजूदा स्थिति को कैसे बेहतर किया जा सकता है.”

मुस्तफावी ने आगे कहा, “राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुफ्ती की ओर से लिखे पत्र में एक प्रतिनिधिमंडल को यमन भेजने की अनुमति मांगी है. इस प्रतिनिधिमंडल में निमिषा एक्शन काउंसिल के सदस्य, दिल्ली के वकील सुभाष चंद्र और मुफ्ती द्वारा चुने गए दो लोग शामिल होंगे. इसके लिए केंद्र सरकार से मंजूरी चाहिए.”

इसके साथ ही, निमिषा के परिवार, राजनेताओं और अन्य लोगों द्वारा हस्ताक्षरित एक ज्ञापन भी तैयार किया जा रहा है, जो यमन के अधिकारियों को धन्यवाद देने के लिए भेजा जाएगा, क्योंकि उन्होंने फांसी को टाल दिया है.

यमन की अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, निमिषा ने तलाल को नशीला पदार्थ देकर बेहोश किया और एक अन्य नर्स की मदद से उसके शरीर को टुकड़ों में काटकर एक भूमिगत टैंक में फेंक दिया. यह घटना व्यक्तिगत और पेशेवर विवादों से जुड़ी थी.

निमिषा की अंतिम अपील 2023 में खारिज हो गई थी, और उनकी फांसी 16 जुलाई 2025 को तय थी. अब सबकी नजर इस बात पर है कि आगे क्या होगा और केंद्र सरकार इसमें क्या भूमिका निभाएगी.

एफएम/एएस