नई दिल्ली, 7 दिसंबर . भारत में पिछले 10 सालों में मेडिकल एजुकेशन में विश्वसनीय वृद्धि देखी गई है. ‘स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय’ ने राज्यसभा को बताया कि 2013-14 में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 387 थी, जो 2024-25 में दोगुनी होकर 780 हो गई है. इसमें 102 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
2013-14 से 2024-25 के दौरान, एमबीबीएस की सीटें भी 51,348 से बढ़कर 1,18,137 हो गईं और इसमें 130 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
उत्तर प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या में सबसे अधिक बढ़ोतरी दर्ज की गई. 2014 में 30 से बढ़कर, राज्य में अब 86 मेडिकल कॉलेज हैं. मेडिकल सीटों में भी सबसे अधिक वृद्धि के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है. साल 2014 में 3,749 सीटें थीं, जो अब बढ़कर अब 12,425 सीटें हो गई हैं.
महाराष्ट्र में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 44 से बढ़कर 80 हो गईं. राज्य ने अपनी एमबीबीएस सीट क्षमता को भी एक दशक पहले 5,590 से बढ़ाकर 11,845 कर दिया है. तेलंगाना, जिसके पास 2014 में कोई मेडिकल कॉलेज नहीं था, अब 65 हैं. वहीं, राज्य में अब 9,040 एमबीबीएस सीटें भी हैं.
इसके अलावा, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, अरुणाचल प्रदेश, दादरा और नगर हवेली, मिजोरम और नागालैंड में एक-एक मेडिकल कॉलेज स्थापित किया गया है. इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) में 2013-14 में कोई मेडिकल कॉलेज नहीं था. राजस्थान में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई. प्रदेश साल 2013-14 में 1,750 सीटों वाले 10 कॉलेजों से बढ़कर 2024-25 में 6,475 सीटों वाले 43 कॉलेजों तक पहुंच गया.
मध्य प्रदेश में 12 कॉलेज (1,700 सीटों) से बढ़कर 31 कॉलेज (5,200 सीटें) हो गए, जबकि छत्तीसगढ़ में पांच कॉलेज (600 सीटें) से बढ़कर 16 कॉलेज (2,455 सीटें) हो गए. दिल्ली में तीन और कॉलेज जुड़ गए, जिससे मेडिकल कॉलेजों की संख्या सात से बढ़कर 10 हो गई. जबकि एमबीबीएस सीटें 900 से बढ़कर 1,497 हो गईं. कर्नाटक में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 46 से बढ़कर 73 हो गईं, जबकि तमिलनाडु में एमबीबीएस सीटें 6,215 से बढ़कर 12,050 हो गईं.
इस बीच, मंत्रालय ने लोकसभा को सूचित किया कि देश में मेडिकल कॉलेजों के लिए कुल 90,794 पद मंजूर हैं.
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