अक्टूबर में घरेलू हवाई सफर करने वालों की बढ़ी तादाद, 1.36 करोड़ यात्रियों ने भरी उड़ान

नई दिल्ली, 26 नवंबर . नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, भारत के घरेलू हवाई यात्री यातायात में अक्टूबर में 5.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो पिछले साल इसी महीने के 1.26 करोड़ से बढ़कर 1.36 करोड़ हो गया.

लीडिंग एयरलाइन इंडिगो ने इस महीने के दौरान 86.40 लाख लोगों को हवाई यात्रा करवाई, जिसकी बाजार हिस्सेदारी 63.3 प्रतिशत रही.

इसके बाद टाटा समूह की एयर इंडिया और विस्तारा का स्थान रहा, जिन्होंने क्रमशः 26.48 लाख और 12.43 लाख यात्रियों को हवाई सफर करवाया.

एयर इंडिया एक्सप्रेस सहित एयर इंडिया ने 19.4 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी दर्ज की, जबकि विस्तारा, जिसका अब एयर इंडिया में विलय हो चुका है, की बाजार हिस्सेदारी 9.1 प्रतिशत रही.

स्पाइसजेट ने अक्टूबर के दौरान 3.35 लाख यात्रियों को हवाई सफर करवाया, जबकि अकासा एयर ने 6.16 लाख लोगों को यात्रा करवाई. दोनों एयरलाइनों ने क्रमशः 2.4 प्रतिशत और 5.4 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी दर्ज की.

हवाई यातायात में उछाल नवंबर में भी जारी रहा. नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 17 नवंबर को एक ही दिन में 5,05,412 घरेलू यात्रियों ने उड़ान भरी, जो पहली बार 5 लाख का आंकड़ा पार कर गया.

मंत्रालय के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, इस दिन प्रस्थान करने वाली कुल फ्लाइट की संख्या 3,173 थी.

एयरलाइनों की समय की पाबंदी की बात करें तो इंडिगो ने अक्टूबर के दौरान चार मेट्रो हवाई अड्डों – दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद से 71.9 प्रतिशत का उच्चतम ऑन-टाइम प्रदर्शन किया.

डीजीसीए के आंकड़ों से पता चलता है कि देश की छह प्रमुख एयरलाइनों में एलायंस एयर का ओटीपी सबसे कम 54.4 प्रतिशत था.

भारतीय विमानन उद्योग में भी कुछ कॉर्पोरेट दोबारा गठन हुआ है, जिसमें विस्तारा, जो पहले टाटा संस और सिंगापुर एयरलाइंस के बीच 51:49 प्रतिशत का संयुक्त उद्यम था, का भी 12 नवंबर को पूर्ण-सेवा वाहक एयर इंडिया के साथ विलय हो गया.

सिंगापुर एयरलाइंस ने कहा है कि वह टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयरलाइन के साथ विस्तारा के प्रत्याशित विलय के बाद एयर इंडिया में 3,194.5 करोड़ रुपये का निवेश करेगी.

इसी समय, एयर इंडिया की सहायक कंपनियों, एआईएक्स कनेक्ट (पूर्व में एयर एशिया) और एयर इंडिया एक्सप्रेस का विलय हो गया है, जिससे एक कम बजट वाली एयरलाइन बन गई है.

एसकेटी/केआर