नई दिल्ली, 6 सितंबर . शेयर बाजार की तरफ लोगों का रुझान बढ़ने के कारण देश में डीमैट खातों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. अगस्त में देश में 40 लाख से ज्यादा नए डीमैट अकाउंट खुले हैं, जिसके कारण कुल डीमैट खातों की संख्या 17 करोड़ के आंकड़े को पार कर गई है.
नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एएसडीएल) और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (सीडीएसएल) में 31 अगस्त तक कुल डीमैट खातों की संख्या 17.1 करोड़ थी.
2024 की शुरुआत से अब तक हर महीने करीब 40 लाख नए डीमैट अकाउंट खुल रहे हैं. चालू वर्ष के शुरुआती आठ महीनों में करीब 3.2 करोड़ डीमैट अकाउंट खुल चुके हैं.
बड़ी संख्या में डीमैट अकाउंट खुलने की वजह इस कैलेंडर वर्ष में नए आईपीओ का आना भी है. करीब 50 से अधिक कंपनियां 2024 की शुरुआत से 31 अगस्त तक आईपीओ के जरिए 53,419 करोड़ रुपये जुटा चुकी हैं.
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की ओर से की गई स्टडी में कहा गया था कि बड़ी संख्या में निवेशक केवल आईपीओ में हिस्सा लेने के लिए डीमैट खाते खोल रहे हैं.
स्टडी में बताया गया था कि अप्रैल 2021 से लेकर दिसंबर 2023 तक आईपीओ के आवेदन के लिए उपयोग किए गए डीमैट में से करीब आधे महामारी के बाद खोले गए हैं.
2024 में शेयर बाजार ने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है. इस साल की शुरुआत से लेकर अब तक निफ्टी करीब 15 प्रतिशत और बीते एक साल में 27 प्रतिशत का रिटर्न दे चुका है. वहीं, सेंसेक्स इस साल की शुरुआत से अब तक 13 प्रतिशत का रिटर्न दिया है और बीते एक साल में यह 24 प्रतिशत का रिटर्न निवेशकों को दे चुका है.
भारतीय शेयर बाजार में तेजी की वजह अर्थव्यवस्था का मजबूत होना है. वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत थी, जो कि वित्त वर्ष 2024-25 में 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
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एबीएस/एफजेड