New Delhi, 2 अगस्त भास्कर प्लेटफॉर्म पर (30 जून तक) ‘स्टार्टअप’ कैटेगरी में 1,97,932 कंपनियां पंजीकृत हैं. यह जानकारी Government की ओर से दी गई.
India स्टार्टअप नॉलेज एक्सेस रजिस्ट्री (भास्कर) स्टार्टअप सहित उद्यमशीलता इकोसिस्टम के बीच सहयोग को संभव बनाता है.
भास्कर वर्तमान में पायलट चरण में है, जिसमें मुख्य फीचर्स का परीक्षण किया जा रहा है, जिनमें सहकर्मी से सहकर्मी संपर्क, साझेदारी और सहयोगात्मक जुड़ाव, पक्षकार कैटेगरी के लिए विशिष्ट व्यक्तिगत पहचान का निर्माण और ‘स्टार्टअप इंडिया’ के तहत विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए माइक्रो-साइटों का एकीकरण शामिल है.
वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि Government छोटे और सूक्ष्म उद्यमों सहित प्रमुख उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं और अनुभव को समझने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में भास्कर के लिए विभिन्न आउटरीच और जागरूकता उपाय कर रही है.
Union Minister ने कहा, “ऐसे उपायों में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों तक विशिष्ट पहुंच, कार्यशालाओं और कार्यक्रमों में सूचना सत्र और विभिन्न social media प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रचार-प्रसार शामिल है. ये कार्य राज्य स्टार्टअप नोडल एजेंसियों और अन्य इकोसिस्टम भागीदारों जैसे इनक्यूबेटर, एक्सेलरेटर, कॉलेज और विश्वविद्यालयों के सहयोग से किए गए हैं.”
Government ने पिछले सप्ताह कहा था कि स्टार्टअप्स के लिए फंड ऑफ फंड्स (एफएफएस) योजना (30 जून तक) के तहत समर्थित 141 अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स (एआईएफ) को 9,994 करोड़ रुपए की प्रतिबद्धता दी गई है, क्योंकि इसका उद्देश्य इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है.
‘स्टार्टअप इंडिया’ पहल के तहत, Government तीन प्रमुख योजनाओं जैसे एफएफएस, स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम (एसआईएसएफएस), और स्टार्टअप्स के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम (सीजीएसएस) को स्टार्टअप्स की व्यवसाय के अलग-अलग चरण में मदद के लिए लागू कर रही है.
उद्यम पूंजी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए लघु उद्योग विकास बैंक (एफएफएस) की स्थापना की गई है और इसका संचालन भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) द्वारा किया जाता है, जो भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) में पंजीकृत एआईएफ को पूंजी प्रदान करता है, जो बदले में स्टार्टअप्स में निवेश करते हैं.
एसआईएसएफएस इनक्यूबेटरों के माध्यम से शुरुआती चरण के स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता प्रदान करता है. मंत्री ने बताया कि 219 चयनित इनक्यूबेटरों को (30 जून तक) 945 करोड़ रुपए स्वीकृत किए जा चुके हैं.
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एबीएस/