एनटीटीएम ने पेश किया भारत का पहला वैज्ञानिक मॉडल, पानीपत में 28 नवंबर को होगा कार्यक्रम

New Delhi, 27 नवंबर . कपड़ा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन (एनटीटीएम) ने एक परिवर्तनकारी परियोजना का समर्थन किया है जो तकनीकी वस्त्र क्षेत्र में स्थिरता को नया स्वरूप प्रदान करता है. इस परियोजना के परिणामस्वरूप आईआईटी दिल्ली के अंतर्गत पानीपत में अटल वस्त्र पुनर्चक्रण एवं स्थायित्व केंद्र की स्थापना हुई, जिसने दो अग्रणी पहलों, राष्ट्रीय ध्वज पुनर्चक्रण पहल और अरामिड फाइबर पुनर्चक्रण कार्यक्रम के माध्यम से प्रौद्योगिकी, नवाचार एवं राष्ट्रीय उद्देश्य को एकीकृत किया है.

पंजाब, Haryana एंड दिल्ली चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) इन नवाचारों और वास्तविक दुनिया पर उनके प्रभावों को प्रदर्शित करने के लिए 28 नवंबर को पानीपत में एक समर्पित प्रदर्शन कार्यक्रम का आयोजन करेगा. यह कार्यक्रम परियोजना के अंतर्गत विकसित तकनीकों पर प्रकाश डालेगा, उद्योग एवं Government के हितधारकों को एक मंच पर लाएगा तथा तकनीकी वस्त्रों में नवाचार, स्थिरता और औद्योगिक एकीकरण को बढ़ावा देने में राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन की भूमिका को मजबूत करेगा.

India में पहली बार, सेवानिवृत्त राष्ट्रीय ध्वजों का गरिमापूर्ण पुनर्चक्रण करने के लिए एक संरचित एवं वैज्ञानिक प्रक्रिया शुरू की गई है. उद्योग साझेदार द्वारा लागू की गई यह परियोजना सुनिश्चित करती है कि तिरंगे के कपड़े और संरचनात्मक अखंडता सुरक्षित रहें या बिना गरिमा को नुकसान पहुंचाए इनका जिम्मेदारीपूर्वक पुनः उपयोग हो. यह मॉडल दर्शाता है कि स्थिरता को राष्ट्रभक्ति मूल्यों के साथ किस प्रकार जोड़ा जा सकता है और यह हर घर तिरंगा अभियान की भावना के साथ दृढ़ता से मेल खाता है.

इसके साथ ही, परियोजना के अरामिड फाइबर पुनर्चक्रण कार्यक्रम ने उच्च प्रदर्शन वाले अरामिड अपशिष्ट के प्रबंधन को महत्वपूर्ण समाधान प्रदान किया है, जो रक्षा, एयरोस्पेस और सुरक्षात्मक वस्त्रों में उपयोग की जाने वाली एक महत्वपूर्ण सामग्री है. कई तकनीकी वस्त्र उद्योगों ने पहले ही इन अनुसंधान एवं विकास परिणामों को अपनाना शुरू कर दिया है, जो मजबूत उद्योग विश्वास को दर्शाता है और अनुसंधान को बड़े पैमाने पर व्यावसायिक अनुप्रयोगों में परिवर्तित करने में मिशन की सफलता को रेखांकित करता है.

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