एनटीपीसी और फ्रांस के ईडीएफ ने हाइड्रो प्रोजेक्ट पर किया समझौता

नई दिल्ली, 24 फरवरी . सरकारी स्वामित्व वाली बिजली कंपनी ‘एनटीपीसी’ और फ्रांस की इलेक्ट्रिसाइट डी फ्रांस की सहायक कंपनी ‘ईडीएफ इंडिया’ ने वितरण कारोबार में अवसरों की तलाश के साथ-साथ रिन्यूएबल एनर्जी पहलों के साथ पंप हाइड्रो स्टोरेज और हाइड्रो प्रोजेक्ट स्थापित करने के लिए साझेदारी की है.

दोनों कंपनियों द्वारा जारी एक संयुक्त बयान के अनुसार, “एनटीपीसी और ‘ईडीएफ इंडिया’ ने पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट और किसी भी दूसरे हाइड्रो-पावर प्रोजेक्ट को विकसित करने, स्वामित्व रखने, संचालित करने और रखरखाव करने के लिए एक नॉन- बाइंडिंग टर्म शीट पर साइन किए हैं.”

इस समझौते पर ईडीएफ इंडिया के सीईओ फेडेरिको डी’एमिको और एनटीपीसी के जीएम हाइड्रो इंजीनियरिंग जेसी काकोटी ने हस्ताक्षर किए.

23 फरवरी को दोनों कंपनियों द्वारा हस्ताक्षरित समझौते के तहत, एनटीपीसी और ईडीएफ भारत सरकार से अपेक्षित अनुमोदन के बाद 50:50 भागीदारी के साथ एक संयुक्त उद्यम बनाने का प्रस्ताव रखते हैं.

बयान में कहा गया है कि यह संयुक्त उद्यम कंपनी अपने दम पर ऐसे प्रोजेक्ट शुरू करेगी या भारत और पड़ोसी देशों में ऐसे प्रोजेक्ट को शुरू करने के लिए संयुक्त उद्यम और सहायक कंपनियां बना सकती है.

ईडीएफ इंडिया का स्वामित्व फ्रांस सरकार के स्वामित्व वाली एक फ्रांसीसी बहुराष्ट्रीय विद्युत उपयोगिता कंपनी इलेक्ट्रिसाइट डी फ्रांस एसए के पास है.

दिल्ली के बाहरी इलाके ग्रेटर नोएडा में आयोजित वैश्विक ईलेक्रामा 2025 सम्मेलन के दौरान समझौते पर हस्ताक्षर किए गए.

सम्मलेन में अध्यक्ष गुरदीप सिंह ने ऊर्जा दक्षता बढ़ाने, रिन्यूएबल क्षमता को बढ़ाने और एआई-ड्रिवन पावर मैनेजमेंट सॉल्यूशन को इंटीग्रेट करने के लिए एनटीपीसी की प्रतिबद्धता पर जोर दिया.

उन्होंने कहा, ” ईएलईसीआरएएमए 2025 भारत के तेजी से विकसित हो रहे बिजली क्षेत्र का प्रमाण है. प्रदर्शित किए गए इनोवेटिव प्रोडक्ट और मशीनरी की विशाल श्रृंखला ‘मेक इन इंडिया’ पहल की सफलता को दर्शाती है.”

उन्होंने कहा, “एक मजबूत मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम और बढ़ती वैश्विक भागीदारी के साथ, भारत न केवल अपनी घरेलू ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए अच्छी स्थिति में है, बल्कि उच्च गुणवत्ता वाले बिजली उपकरणों के एक प्रमुख निर्यातक के रूप में भी उभर रहा है. एनटीपीसी थर्मल दक्षता को अनुकूलित कर, रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता का विस्तार कर और अत्याधुनिक तकनीक का लाभ उठाकर इस परिवर्तन को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है.”

एसकेटी/