महाकुंभ में अब साधु-संत भी करेंगे ‘मन की बात’

महाकुंभ नगर, 24 जनवरी . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चर्चित रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की तर्ज पर प्रयागराज महाकुंभ में साधुओं के ‘मन की बात’ कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. आयोजन में सनातन धर्म के प्रमुख विषयों और योगी सरकार के ‘दिव्य और भव्य महाकुंभ’ के आयोजन के विभिन्न विषयों को केंद्र में रखकर साधु-संत अपनी बात रखेंगे.

प्रयागराज में त्रिवेणी के तट पर आयोजित हो रहे महाकुंभ में हर तरफ भक्ति, मुक्ति और तत्व ज्ञान की बातों की चर्चा है. इस विचार मंथन को वृहद स्वरूप प्रदान करने के लिए महाकुंभ में पहली बार साधु-संतों के ‘मन की बात’ कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.

कार्यक्रम के प्रवक्ता श्री पंच दशनाम आवाहन अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी प्रकाशानंद बताते हैं कि महाकुंभ के सेक्टर-20 में हरिधाम सनातन सेवा ट्रस्ट में इस कार्यक्रम का आयोजन होने जा रहा है.

कार्यक्रम का आयोजन 25 जनवरी को दोपहर 2 से 5 बजे तक होगा. इसमें संन्यासी, वैरागी और उदासीन सभी अखाड़ों के प्रमुख संतों के अलावा सभी हिंदू संप्रदायों के साधु-संत हिस्सा लेंगे.

इसमें तपोनिधि श्री पंचायती अखाड़ा आनंद के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी, श्री पंच दशनाम अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अरुण गिरी, महामंडलेश्वर कनकेश्वरी देवी, श्री पंच दिगंबर अनी अखाड़े के श्री महंत माधवदास, शनि धाम पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर परमहंस दाती महराज, श्री शंभू पंच अग्नि अखाड़े के संपूर्णानंद ब्रह्मचारी, श्री दिगंबर अखाड़े के महामंडलेश्वर कंप्यूटर बाबा प्रमुख हैं.

प्रयागराज महाकुंभ में आए लाखों साधु-संत अपने विभिन्न धार्मिक और सामाजिक संकल्पों को लेकर श्रद्धालुओं के बीच आए हैं. महाकुंभ जैसा विशाल आयोजन साधु-संतों के साथ श्रद्धालुओं को जोड़ता है, जहां सामान्य तौर पर श्रद्धालुओं की आध्यात्मिक उन्नति और मुक्ति के विषयों पर ही प्रवचन या सत्संग के कार्यक्रम होते हैं.

वर्तमान समय में सामाजिक व्यवस्था में आई चुनौतियों पर संत समाज की बात के लिए मंच नहीं मिल पाता. इसे मंच प्रदान करने का माध्यम बनेगा ‘साधु कहें मन की बात’ कार्यक्रम.

कार्यक्रम के प्रवक्ता स्वामी प्रकाशानंद बताते हैं कि साधु-संतों के धार्मिक और सामाजिक संकल्पों पर साधु-संत इस मंच से अपने ‘मन की बात’ करेंगे. इसमें गौ हत्या पर रोक के साथ ‘दिव्य और भव्य महाकुंभ’ के आयोजन के विभिन्न आयाम सम्मिलित हैं.

एसके/एबीएम