मुंबई, 24 मार्च . शिवसेना (यूबीटी) के नेता अरविंद सावंत ने महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर तीखी टिप्पणी की है. से बातचीत में उन्होंने कहा कि राज्य में हालात चिंताजनक हैं और विपक्षी नेताओं पर हमले हो रहे हैं. स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा के दफ्तर पर हुई तोड़-फोड़ को उन्होंने दुखद बताया.
उन्होंने कहा, ” पहले के नेता, जैसे बालासाहेब ठाकरे, इंदिरा गांधी और शरद पवार, बड़े दिल वाले थे, जो व्यंग्य को सहजता से लेते थे. लेकिन आज के नेता इसे बर्दाश्त नहीं कर पाते.”
सावंत ने मीडिया से बातचीत में कहा, “पहले कवि सम्मेलनों में प्रधानमंत्री से लेकर बड़े नेताओं पर हंसी-मजाक होता था. बड़े दिल वाले लोग इसे हंसकर टाल देते थे. हम शिवसेना के लोग हैं, बालासाहेब ठाकरे के सिद्धांतों पर चलते हैं. लेकिन अब छोटे दिल वाले लोग सत्ता में हैं. सच बोलने पर मिर्ची लगती है, क्योंकि सच कड़वा होता है.”
उन्होंने अमेरिका का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां डोनाल्ड ट्रंप जैसे नेताओं पर भी कार्टून बनते थे, लेकिन इसे संस्कृति का हिस्सा माना जाता था.
उन्होंने कुणाल कामरा पर हुए हमले की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह जलन का नतीजा है. “जो लोग सच दिखाते हैं, उन पर हमले होते हैं. महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था की हालत दयनीय है. जो विफलता दिख रही है, उसे छिपाने के लिए ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं.”
सावंत ने सवाल उठाया कि अगर कोई गलत बोलता है तो उस पर कार्रवाई हो, लेकिन यह कार्रवाई सबके लिए एक समान क्यों नहीं होती?
उन्होंने कहा, “हमने संसद में भी कहा था कि भगोड़े कभी निष्ठावान नहीं होते. अगर अनैतिकता पर कार्रवाई करनी है तो सबके खिलाफ हो. एक को टारगेट करना गलत है. पुलिस कमिश्नर हो या नगर पालिका का कमिश्नर, सबके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.”
सावंत ने मौजूदा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जलन और असुरक्षा की भावना साफ दिखती है. जो लोग घर उजाड़ रहे हैं, उन्हें कानून का सहारा लेना चाहिए. अगर हिम्मत है तो सभी दोषियों को नोटिस दो, सिर्फ एक को क्यों?
–
एसएचके/केआर