नागार्जुन द्वारा दायर मानहानि मामले में तेलंगाना के मंत्री को नोटिस

हैदराबाद, 10 अक्टूबर . एक अदालत ने गुरुवार को लोकप्रिय टॉलीवुड अभिनेता नागार्जुन अक्किनेनी द्वारा दायर मानहानि मामले में तेलंगाना की वन एवं पर्यावरण मंत्री कोंडा सुरेखा को नोटिस जारी किया.

उत्पाद शुल्क के लिए प्रथम श्रेणी के विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट ने अभिनेता सामंथा रुथ प्रभु से अपने बेटे नागा चैतन्य के तलाक के बारे में कथित अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए मंत्री के खिलाफ अभिनेता द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया.

अदालत ने दूसरे गवाह वेंकटेश्वर मेटला का बयान दर्ज किया और मामले को आगे की सुनवाई के लिए 23 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया.

अदालत ने 8 अक्टूबर को नागार्जुन का बयान दर्ज किया था.

अभिनेता ने अदालत को बताया कि मंत्री की टिप्पणी ने उनके परिवार की गरिमा और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है.

उन्होंने कहा कि मंत्री ने उनके परिवार के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की थी.

नागार्जुन ने दावा किया कि कोंडा सुरेखा की टिप्पणियों ने उनके परिवार की प्रतिष्ठा को धूमिल किया है, जो फिल्म उद्योग और सामाजिक सेवा पहल में उनके काम के माध्यम से दशकों से बनी हुई है.

अभिनेता ने अदालत से मंत्री के खिलाफ उनके बयान के लिए बीएनएस की धारा 356 के तहत आपराधिक कार्रवाई करने का आग्रह किया.

अदालत ने पहले गवाह के रूप में नागार्जुन की बहू सुप्रिया यारलागड्डा का बयान भी दर्ज किया.

मंत्री ने 2 अक्टूबर को नागार्जुन के बेटे नागा चैतन्य और सामंथा रूथ प्रभु के तलाक पर कुछ टिप्पणियां की थीं. मंत्री ने तलाक के लिए भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामा राव को जिम्मेदार ठहराया था.

सुरेखा की टिप्पणियों ने राजनीतिक और फिल्मी हलकों में तूफान खड़ा कर दिया था.

कोंडा सुरेखा ने बाद में घोषणा की कि वह अपनी टिप्पणी वापस ले रही हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी टिप्पणियों का उद्देश्य सामंथा की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था, बल्कि एक नेता द्वारा महिलाओं का अपमान करने पर सवाल उठाना था.

मंत्री ने यह भी कहा कि वह बीआरएस नेता रामा राव के बारे में अपनी टिप्पणियों पर कायम हैं.

पूर्व मंत्री ने उसी दिन कोंडा सुरेखा को कानूनी नोटिस भेजा था, जिसमें उनसे अपना बयान वापस लेने और माफी मांगने को कहा गया था.

रामा राव ने गुरुवार को उसी अदालत में सुरेखा के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया.

एकेएस/एकेजे