यूजीसी का जानकारी साझा न करने वाले 54 प्राइवेट विश्वविद्यालयों को नोटिस

New Delhi, 30 सितंबर . विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी ने देश के विभिन्न राज्यों के 54 अलग-अलग प्राइवेट विश्वविद्यालयों के लिए नोटिस जारी किया है. ये सभी वे प्राइवेट यूनिवर्सिटीज हैं, जिन्होंने यूजीसी के तय मानकों का अनुपालन नहीं किया. इन विश्वविद्यालयों ने यूजीसी के नियमानुसार ‘सेल्फ पब्लिक डिस्क्लोजर’ जारी नहीं किया है.

यूजीसी के दिशानिर्देश कहते हैं कि इस नियम के तहत विश्वविद्यालयों को वेबसाइटों पर संस्थान से संबंधित आवश्यक जानकारी साझा करनी होती है. यह सार्वजनिक जानकारी सहज उपलब्ध होनी चाहिए. इसके लिए छात्रों, अभिभावकों या किसी भी अन्य व्यक्ति को वेबसाइट पर लॉगिन या पंजीकरण की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन देशभर के 54 विश्वविद्यालयों ने यह जानकारी अब तक साझा नहीं की है.

यही कारण है कि अब यूजीसी ने इन निजी विश्वविद्यालयों को अपने-अपने संस्थानों की जानकारी देने का नोटिस दिया है. वहीं, अब इसके जवाब में कुछ प्राइवेट यूनिवर्सिटीज ने अपने दस्तावेज खंगालना शुरू कर दिए हैं. कुछ का कहना है कि वे अपने पोर्टल पर यह जानकारी साझा करने जा रहे हैं. हालांकि, अब पोर्टल के अलावा यूजीसी को भी यह जानकारी भेजनी होगी.

दरअसल, यूजीसी का कहना है कि उनके द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देश विश्वविद्यालय संबंधी शिक्षण में पारदर्शिता को बढ़ाने देने के लिए हैं. जानकारी साझा न करने वाली सभी 54 यूनिवर्सिटी को अपने यहां लागू पाठ्यक्रमों की जानकारी देनी होगी. साथ ही शोध कार्यों व फैकल्टी को लेकर भी संपूर्ण जानकारी देनी होगी. विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या, विश्वविद्यालय के बुनियादी ढांचे व इससे जुड़ी गतिविधियों और वित्त व्यवस्था के बारे में भी इन संस्थानों को जानकारी देनी होगी. इस पर यूजीसी का कहना है कि यह व्यवस्था छात्रों व अभिभावकों के साथ सभी इच्छुक को विश्वविद्यालय से संबद्ध सूचना हासिल करने में मदद करती है. इससे विभिन्न हितधारकों का शिक्षण संस्थान में विश्वास भी बढ़ाता है और पारदर्शिता सुनिश्चित होती है.

यूजीसी के मुताबिक यह कदम विश्वविद्यालयों को जवाबदेह बनाता है, लेकिन 54 विश्वविद्यालयों ने यह जानकारी अब तक सार्वजनिक नहीं की है. यही कारण है कि अब यूजीसी को ऐसे सभी विश्वविद्यालयों की सूची जारी करनी पड़ी. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के मुताबिक नोटिस जारी करने से पहले इन 54 प्राइवेट यूनिवर्सिटीज को कई बार पत्र लिखा गया, लेकिन विश्वविद्यालयों ने उन पत्रों का कोई जवाब नहीं दिया. यही नहीं, विश्वविद्यालयों को कई बार ईमेल भी भेजे गए. विश्वविद्यालयों के साथ हुई ऑनलाइन मीटिंग में यह विषय उठाया गया, बावजूद इसके विश्वविद्यालयों ने नियम की अनदेखी की.

यूजीसी का कहना है कि ये दिशानिर्देश उच्च शिक्षा में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए हैं. विश्वविद्यालयों को समय पर जानकारी देनी चाहिए थी. संस्थानों की आधिकारिक वेबसाइट में एक सर्च की सुविधा होनी चाहिए, ताकि उनके प्लेटफार्म पर जानकारी ढूंढ रहे व्यक्तियों को आवश्यक सूचना मिल सके. इन 54 विश्वविद्यालयों में Gujarat, Haryana, असम, पंजाब, Rajasthan , बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, Jharkhand, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, Maharashtra, मणिपुर, सिक्किम, त्रिपुरा और Madhya Pradesh समेत अन्य राज्यों के प्राइवेट विश्वविद्यालय शामिल हैं. ऐसे सभी 54 प्राइवेट विश्वविद्यालयों के नाम और उनकी लोकेशन यूजीसी की वेबसाइट पर मौजूद नोटिस में देखे जा सकते हैं.

यूजीसी का कहना है कि संबंधित विश्वविद्यालयों में दाखिला लेने के इच्छुक छात्रों के लिए यह जानकारी काफी महत्वपूर्ण होती है. यूजीसी सचिव प्रोफेसर मनीष जोशी ने जानकारी साझा करने को लेकर इन सभी विश्वविद्यालयों को पत्र लिखा है. अपने पत्र में उन्होंने कहा कि छात्रों और अभिभावकों को संबंधित विश्वविद्यालय व उनके उच्च शिक्षण संस्थान की पूरी जानकारी होनी आवश्यक है.

जीसीबी/एसके