New Delhi, 27 अगस्त . राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में एक मूक-बधिर गैंगरेप पीड़िता की संदिग्ध मौत के मामले में स्वतः संज्ञान लिया है. आयोग ने इस मामले में उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और गाजियाबाद के जिलाधिकारी (डीएम) को नोटिस जारी कर दो हफ्तों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.
यह घटना 18 अगस्त को गाजियाबाद के लोनी क्षेत्र में हुई थी. दो युवकों ने अकेली जा रही मूक-बधिर युवती को अगवा किया और सुनसान स्थान पर ले जाकर गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया.
रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता का इलाज दिल्ली स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन बिहेवियर एंड एलाइड साइंसेज (आईएचबीएएस) में चल रहा था, लेकिन 21 अगस्त को उसकी मौत हो गई.
इस घटना को लेकर 22 अगस्त को मीडिया में रिपोर्ट प्रकाशित हुई, जिसके आधार पर एनएचआरसी ने कहा कि अगर ये आरोप सही हैं तो यह गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन का मामला है.
आयोग ने नोटिस में कहा है कि उन्हें यह जानना जरूरी है कि जांच की वर्तमान स्थिति क्या है. क्या पीड़िता के परिवार को कोई मुआवजा या सहायता दी गई है? प्रशासन ने इस मामले में अब तक क्या कदम उठाए हैं?
एनएचआरसी ने इस घटना को बेहद चिंताजनक और शर्मनाक करार दिया. आयोग का कहना है कि जब कोई पीड़ित पहले ही शारीरिक बाध्यता जैसी चुनौती से जूझ रहा हो और फिर उसके साथ ऐसी क्रूरता हो, तो यह सिर्फ कानून का ही नहीं, बल्कि समाज की संवेदनशीलता और सुरक्षा तंत्र पर भी सवाल खड़े करता है.
गौरतलब है कि इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. दोनों ने ही पीड़िता को सुनसान रास्ते से अगवा कर उसके साथ अमानवीय कृत्य किया.
अब एनएचआरसी की इस कार्रवाई से उम्मीद की जा रही है कि मामले की निष्पक्ष जांच होगी और पीड़िता को न्याय मिलेगा.
एनएचआरसी ने दो सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है.
–
वीकेयू/एबीएम