ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, सभी राज्यों और बड़ी कंपनियों को भेजा नोटिस

New Delhi, 1 अगस्त . ऑनलाइन सट्टेबाजी पर रोक लगाने की मांग को लेकर दाखिल एक याचिका पर Supreme court ने सभी राज्यों को नोटिस जारी किया है. इसके साथ ही कोर्ट ने गूगल इंडिया और एप्पल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को भी नोटिस भेजकर जवाब मांगा है.

सुनवाई के दौरान Supreme court ने कहा कि यह मामला जनहित से जुड़ा है और इसमें गंभीरता से विचार करने की जरूरत है. कोर्ट ने यह भी कहा कि वह अगली सुनवाई में ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स पर अंतरिम रोक लगाने की मांग पर फैसला लेगा. इससे पहले की सुनवाई में Supreme court ने केंद्र Government को नोटिस जारी कर इस मुद्दे पर जवाब मांगा था.

यह याचिका ईसाई धर्म प्रचारक के. ए. पॉल की ओर से दाखिल की गई है. याचिका में कहा गया है कि ये ऑनलाइन बेटिंग ऐप्स (सट्टेबाजी ऐप) पूरी तरह जुए की तरह हैं. इनकी लत के कारण लाखों युवा बर्बाद हो रहे हैं और इसका असर उनके पूरे परिवार पर पड़ रहा है. याचिका में दावा किया गया है कि सिर्फ तेलंगाना राज्य में ही सट्टेबाजी ऐप की लत के कारण 1,023 लोगों ने आत्महत्या कर ली है.

इसके अलावा, याचिका में कहा गया है कि Bollywood और टॉलीवुड से जुड़े करीब 25 Actor इन ऐप्स का प्रचार कर रहे हैं. कई सेलिब्रिटी खिलाड़ी और Actor इन सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म्स को बढ़ावा दे रहे हैं, जिससे युवा पीढ़ी गलत रास्ते पर जा रही है. अब Supreme court इस पूरे मामले पर गंभीरता से विचार कर रहा है और जल्द ही इस पर कोई अंतरिम फैसला आ सकता है.

28 जुलाई को गूगल और मेटा को समन जारी कर दिल्ली ईडी कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया था. 21 जुलाई को भी इन दोनों कंपनियों के प्रतिनिधियों को पूछताछ के लिए बुलाया गया था. लेकिन, वे ईडी कार्यालय नहीं पहुंच पाए थे, जिसकी वजह से दोबरा समन जारी करना पड़ा था.

ईडी का आरोप है कि गूगल और मेटा ने अपने प्लेटफॉर्म्स पर इन अवैध सट्टेबाजी ऐप्स को विज्ञापनों के जरिए बढ़ावा दिया और इनकी पहुंच को व्यापक बनाने में मदद की. जांच में पाया गया कि ये ऐप्स स्किल-बेस्ड गेमिंग के नाम पर अवैध सट्टेबाजी को बढ़ावा देते हैं. इन प्लेटफॉर्म्स के जरिए करोड़ों रुपए की अवैध कमाई की गई, जिसे हवाला चैनलों के माध्यम से छिपाया गया ताकि जांच से बचा जा सके.

वीकेयू/जीकेटी