रांची, 11 दिसंबर . झारखंड के वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता राधाकृष्ण किशोर ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस को उचित और संसदीय व्यवस्था के प्रावधानों के अनुरूप बताया है.
बुधवार को झारखंड विधानसभा परिसर में न्यूज एजेंसी ‘ ’ से विशेष बातचीत में किशोर ने कहा, ”राज्यसभा के सभापति को लेकर अविश्वास प्रस्ताव का जो नोटिस दिया गया है, वह संसदीय व्यवस्था का एक भाग है. यदि आपको ऐसा लगता हो कि आसन निष्पक्षता के साथ काम नहीं कर रहा है, तो विपक्ष के दल और सदस्य कोई भी अविश्वास प्रस्ताव लाते हैं तो यह संसदीय व्यवस्था से हटकर कुछ भी नहीं है.”
इंडिया गठबंधन ने राज्यसभा के सभापति को उनके पद से हटाने के लिए मंगलवार को अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है. इस नोटिस पर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, द्रमुक, समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों के करीब 60 नेताओं ने हस्ताक्षर किए हैं.
भारतीय संसदीय इतिहास में यह पहली बार है, जब राज्यसभा के किसी सभापति को हटाने के लिए नोटिस दिया गया है. विपक्ष के नेताओं का आरोप है कि सभापति के पक्षपातपूर्ण तरीके से सदन की कार्यवाही का संचालन करने के कारण उन्हें इस तरह का नोटिस देने पर बाध्य होना पड़ा है.
झारखंड के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने ‘ ’ से साथ बातचीत में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के प्रस्तावित बिल पर भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार ऐसा बिल लाना चाहती है तो इसके पहले उसे सभी राज्यों से इस मुद्दे पर राय लेनी चाहिए. यह जानना चाहिए कि राज्यों की भावनाएं और आवश्यकताएं क्या हैं. ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ की बात कहना बड़ा आसान है, अगर आप व्यावहारिकता में देखेंगे तो इसमें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.
–
एसएनसी/एबीएम