नई दिल्ली, 23 अप्रैल . कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने बुधवार को समाचार एजेंसी से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर अपनी गहरी पीड़ा और चिंता जताई. उन्होंने कहा कि इस हमले में निर्दोष पर्यटकों की जान जाने से वह व्यक्तिगत रूप से बहुत आहत हैं.
विवेक तन्खा ने कहा कि इस हमले के बाद व्यक्तिगत रूप से मैं टूट चुका हूं, दुखी हूं जब से मैंने इस घटना के बारे में सुना है. वह बेचारे पर्यटक थे और घूमने गए थे क्योंकि सरकार ने भरोसा दिलाया था कि कश्मीर में सब कुछ सामान्य है. मैं पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं. सुरक्षा जैसे गंभीर मुद्दों पर पूरा देश एकजुट है, लेकिन साथ ही उन्होंने सरकार को आगाह भी किया कि कश्मीर के हालात को ‘नॉर्मल’ मानना एक भारी भूल होगी.
उन्होंने कहा कि मैं बार-बार आगाह करता रहा हूं कि कश्मीर को सामान्य मत समझिए. अगर वाकई सब कुछ सामान्य होता, तो कश्मीरी पंडित वापस चले जाते. लेकिन, सरकार न सुनने को तैयार है और न ही संवाद करने को. यह मुद्दा बहुत जटिल है, इसे समझने और सभी पक्षों के साथ बैठकर हल निकालने की जरूरत है.
धर्म के आधार पर पर्यटकों को निशाना बनाए जाने को लेकर पूछे जाने पर तन्खा ने कहा कि यह आतंकियों की सोची-समझी साजिश है ताकि देश में सांप्रदायिक तनाव फैले. यह वही करते हैं जिससे लोग भड़कें. मैं सभी से अपील करता हूं कि शांति बनाए रखें और सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए. जिन्होंने यह हमला किया है, उन्हें कहीं भी पनाह नहीं मिलनी चाहिए, न इस देश में, न दुनिया में.
जब उनसे पूछा गया कि अमरनाथ यात्रा शुरू होने से पहले ही पहलगाम में यह हमला हुआ, तो तन्खा ने जवाब दिया, “हमें आतंकवादियों से डरना नहीं चाहिए. हमारा सुरक्षाबल बहुत सक्षम है. हमें अपने कार्यक्रम जारी रखने चाहिए ताकि आतंकियों को यह साफ संदेश मिले कि भारत डरने वाला देश नहीं है.”
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को आतंकवादियों के हमले में 26 लोगों की मौत हो गई जबकि कई घायल हो गए.
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पीएसके/केआर