कठुआ,13 नवंबर . उत्तर भारत के पहले राजकीय होम्योपैथिक कॉलेज एवं अस्पताल में इसी सत्र से 63 सीट के साथ अंडर ग्रेजुएट, बीएचएमएस कोर्स के लिए कक्षाएं शुरू होंगी. जम्मू कश्मीर बोर्ड ऑफ प्रोफेशनल एंट्रेंस एग्जाम की और से इन सीटों को भरने की प्रक्रिया पर काम किया जा रहा है.
इस बारे में ने बुधवार को राजकीय होम्योपैथिक कॉलेज कठुआ के प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ. सुरेंद्र कुमार अत्री से बात की. उन्होंने कहा, ”बोर्ड ऑफ प्रोफेशनल एंट्रेंस एग्जाम के तहत काउंसलिंग के लिए विज्ञापन दिया गया है. उसका प्रोसेस चल रहा है, आवेदन आ चुके हैं. उनकी लिस्ट जल्द ही जारी की दी जाएगी. उसके बाद ही दाखिले की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. सभी प्रक्रिया पूरी होने के बाद कक्षाएं शुरू कर दी जाएंगी.”
डॉ. सुरेंद्र कुमार ने बताया कि यह कॉलेज कठुआ जिले के जसरोटा में बनाया जा रहा है. वहां इसकी चारदीवारी का काम चल रहा है. सभी तरह की जरूरी कार्यवाही पूरी करने के बाद कॉलेज का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा. अस्पताल में अकादमिक ब्लॉक, अस्पताल ब्लॉक और दो हॉस्टल होंगे. परियोजना को तीन चरणों में पूरा किया जाना है. होम्योपैथिक कॉलेज की इमारत तैयार होने तक फिलहाल कक्षाएं जीएमसी कठुआ में चलेंगी.”
उन्होंने कहा, ”होम्योपैथिक कॉलेज में 30 बेड की आईपीडी शहर के बीचों बीच महात्मा गांधी अस्पताल में ओपीडी के साथ ही शुरू कर दी गई है. सरकार ने इंटीग्रेटेड सिस्टम ऑफ मेडिसिन में होम्योपैथी को बढ़ावा देने के लिए फैकल्टी की नियुक्ति भी कर दी है.”
डॉ. सुरेंद्र कुमार ने बताया कि कॉलेज में 63 सीटें हैं जिनमें 54-55 सीटें राज्य कोटे की हैं और बाकी आठ-नौ सीटें ऑल इंडिया कोटे से हैं.
मौजूदा समय में हर साल 200 से अधिक विद्यार्थी होम्योपैथी की शिक्षा लेने के लिए पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली के निजी मेडिकल कॉलेजों में जा रहे हैं. कठुआ में सरकारी होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज बनने से विद्यार्थियों को अपने प्रदेश में ही होम्योपैथी की शिक्षा मिल सकेगी.
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एमकेएस/एकेजे