पटना, 11 जुलाई . नेपाल के तराई इलाकों में हो रही बारिश से उत्तर बिहार के कई जिलों के जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. बिहार की सभी नदियां उफनाई हुई हैं. नेपाल में हो रही बारिश के कारण सभी नदियों के जलस्तर में वृद्धि हुई है.
वाल्मीकि नगर बराज के पास गंडक नदी में एक बार फिर से जलस्तर में वृद्धि हुई है, इससे कई जिलों में गंडक का पानी फिर से बढ़ने की आशंका है. गोपालगंज में गंडक नदी का जलस्तर फिर बढ़ने लगा है. इससे जिले के निचले क्षेत्रों में पानी से घिरे कई गांवों के लोगों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. अधिकतर लोगों ने ऊंचे स्थानों पर शरण ले लिया है.
प्रशासनिक स्तर पर तटबंध की निगरानी बढ़ा दी गई है. पश्चिम चंपारण में भी कई गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. बाढ़ का पानी पश्चिमी चंपारण और गोपालगंज के अलावा मधुबनी, सीतामढ़ी, खगड़िया, पूर्णिया सहित उत्तर बिहार तथा सीमांचल क्षेत्रों के अन्य जिलों के कई गांवों में घुस गया है.
जल संसाधन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रदेश की प्रमुख नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है. हालांकि, कई नदियां विभिन्न जगहों पर खतरे के निशान को पार कर गई हैं.
विभाग के मुताबिक, वीरपुर बराज में कोसी नदी का जलस्राव गुरुवार सुबह 10 बजे 1,76,580 क्यूसेक था. जबकि, दोपहर दो बजे 1,73,995 क्यूसेक दर्ज किया गया. गंडक नदी के वाल्मीकिनगर बराज में गंडक का जलस्राव गुरुवार की सुबह 10 बजे 2,06,400 क्यूसेक था, जो बढ़कर दोपहर दो बजे 2,33,000 क्यूसेक पहुंच गया.
अन्य नदियों में भी जलस्तर बढ़ता जा रहा है. गंडक, कोसी, बागमती, कमला बलान और महानंदा कई स्थानों पर लाल निशान से ऊपर बह रही हैं. कमला बलान नदी जयनगर और झंझारपुर रेल पुल के पास खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. जबकि, बागमती बेनीबाद में खतरे के निशान से ऊपर है. महानंदा नदी ढेंगरा घाट के पास लाल निशान को पार कर गई है. जबकि, कोसी बलतारा में तथा गंडक डुमरिया घाट में खतरे के निशान से ऊपर है.
गंगा नदी के जलस्तर में भी वृद्धि देखी जा रही है. पटना मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के दौरान किशनगंज, अररिया, सुपौल जिलों में एक या दो स्थानों पर बहुत भारी बारिश होने की संभावना जताई है. पटना, भोजपुर, वैशाली, जहानाबाद, अरवल, औरंगाबाद, रोहतास, नालंदा, शेखपुरा सहित कई जिलों में भारी बारिश का पूर्वानुमान है.
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एमएनपी/