नई दिल्ली, 10 मार्च . केंद्रीय रेल, आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपने ऑफिशियल एक्स हैंडल से एक पोस्ट शेयर कर कहा कि एनर्जी जनरेटेड और पावर जनरेशन कैपेसिटी दोनों अलग-अलग हैं.
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि 100 मेगावाट का थर्मल पावर प्लांट समान क्षमता वाले सोलर प्लांट की तुलना में ज्यादा एनर्जी जनरेट कर सकता है. उन्होंने कुल स्थापित क्षमता को लेकर भी जानकारी दी है.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, कुल स्थापित क्षमता में सोलर एनर्जी 21.52 प्रतिशत, विंड एनर्जी 10.37 प्रतिशत, कोल 47.29 प्रतिशत, हाइड्रो 10.07, न्यूक्लियर 1.75 प्रतिशत, ऑयल एंड गैस 5.45 प्रतिशत, स्मॉल हाइड्रो 1.09 प्रतिशत, बायो 2.45 प्रतिशत का योगदान देते हैं.
एक मीडिया इवेंट में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी देते हुए कहा, “प्रति व्यक्ति आय 3,000 डॉलर वाले देश में गैर जीवाश्म ईंधन से बिजली उत्पादन क्षमता का कितना प्रतिशत आता है, इस सवाल का जवाब 5 प्रतिशत या 7 प्रतिशत मिलता है. लेकिन, जब मैंने वास्तविक आंकड़ा साझा किया कि यह बिजली उत्पादन क्षमता का कुल 45 प्रतिशत है तो हर किसी को लगा, हां, देश में कुछ अलग, कुछ बेहतर हो रहा है.”
उन्होंने आगे कहा कि हमारे प्रधानमंत्री प्लेनेट सेविंग, क्लाइमेट चेंज, सस्टेनेबल डेवलपमेंट को लेकर कमिटेड हैं, जो कि हर क्षेत्र में दिखाई देता है. रेलवे की ही बात करें तो इस साल हम 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिफाइड नेटवर्क स्थापित करने जा रहे हैं. इसके अलावा हम नेट जीरो लक्ष्य पर भी काम कर रहे हैं.
भारत की कुल गैर-जीवाश्म, ईंधन आधारित ऊर्जा क्षमता इस साल 20 जनवरी तक 217.62 गीगावाट तक पहुंच गई है. 2024 में देश ने सौर और पवन ऊर्जा प्रतिष्ठानों, नीतिगत प्रगति और इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है, जिससे 2025 में महत्वाकांक्षी लक्ष्यों के लिए मंच तैयार हो गया है. 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा क्षमता हासिल करने की प्रतिबद्धता के साथ, भारत क्लीन एनर्जी में ग्लोबल लीडर के रूप में उभर रहा है.
–
एसकेटी/एबीएम