प्रधानमंत्री योग पुरस्कार 2025 के लिए नामांकन शुरू

नई दिल्ली, 5 मार्च . योग के प्रचार और विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले व्यक्तियों और संगठनों को सम्मानित करने के लिए प्रधानमंत्री योग पुरस्कार 2025 के आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है.

यह पुरस्कार योग के प्रति समर्पण और इसके वैश्विक प्रसार में योगदान करने वालों को मान्यता प्रदान करता है. पुरस्कार उन व्यक्तियों और संगठनों को दिए जाएंगे जिन्होंने योग के प्रचार-प्रसार और इसके विकास में महत्वपूर्ण और लगातार योगदान दिया है, चाहे वह राष्ट्रीय स्तर पर हो या अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर.

माई गवर्नमेंट ऑफ इंडिया ने एक्स पोस्ट पर लिखा, “योग की परिवर्तनकारी शक्ति का जश्न मनाएं. पीएम योग पुरस्कार 2025 योग के प्रचार और विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले व्यक्तियों और संगठनों को सम्मानित करता है. माई गवर्नमेंट ऑफ इंडिया पर योग्य उम्मीदवार आवेदन करें.”

योग प्राचीन भारतीय परंपरा का एक अमूल्य उपहार है, जो न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व में शारीरिक, मानसिक और आत्मिक स्वास्थ्य के लिए एक शक्तिशाली साधन के रूप में जाना जाता है. “योग” शब्द संस्कृत के युज से लिया गया है, जिसका अर्थ है “जुड़ना”, “जोड़ना” या “एकजुट होना”.

यह शब्द मन और शरीर की एकता का प्रतीक है, जिसमें विचार और क्रिया, संयम और पूर्ति, मानव और प्रकृति के बीच सामंजस्य, तथा स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण शामिल है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दूसरे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर दो योग पुरस्कारों की घोषणा की थी. एक पुरस्कार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर और दूसरा राष्ट्रीय स्तर पर दिया जाएगा. इन पुरस्कारों का उद्देश्य उन व्यक्तियों और संगठनों को मान्यता देना और सम्मानित करना है, जिन्होंने योग के प्रचार और विकास के माध्यम से लंबे समय तक समाज पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था,” यह पुरस्कार योग के प्रति समर्पण और इसके माध्यम से शारीरिक, मानसिक और आत्मिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए किए गए अथक प्रयासों को सम्मानित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है.” उन्होंने यह भी कहा कि योग न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में लोगों को स्वास्थ्य और शांति की दिशा में एक नया रास्ता दिखा रहा है.

इन पुरस्कारों का उद्देश्य उन योगदानों को सराहना है जो योग को वैश्विक स्तर पर एक समृद्ध और प्रभावशाली जीवनशैली के रूप में स्थापित करने में सहायक रहे हैं. यह पुरस्कार उन लोगों को प्रोत्साहित करेगा जो योग के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए निरंतर काम कर रहे हैं.

योग की सार्वभौमिक अपील को मान्यता देते हुए 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक ऐतिहासिक प्रस्ताव (संकल्प 69/131) पारित किया, जिसमें 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया गया. इस प्रस्ताव का उद्देश्य दुनिया भर में योग के लाभों को फैलाना और इसकी प्राचीन परंपरा को संजीवनी शक्ति के रूप में सम्मानित करना था.

इस दिन को पूरी दुनिया में योग के महत्व को समझने और उसे अपनाने के लिए मनाया जाता है, जिससे वैश्विक स्तर पर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा मिल सके. 21 जून को आयोजित होने वाला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस न केवल योग के लाभों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए एक मंच प्रदान करता है, बल्कि यह विश्वभर में शांति, सामंजस्य और एकता का प्रतीक भी बन गया है.

एकेएस/केआर