अभिषेक बनर्जी को प्रतिनिधिमंडल में नामित करना ममता बनर्जी का भाई-भतीजावाद : शुभेंदु अधिकारी

नई दिल्ली, 21 मई . “ऑपरेशन सिंदूर” की सफलता से दुनिया के दूसरे देशों को अवगत कराने के लिए भारत सरकार ने पक्ष और विपक्ष सभी दलों के सांसदों का प्रतिनिधिमंडल बनाया है. केंद्र सरकार ने तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा सांसद यूसुफ पठान को भी प्रतिनिधिमंडल में जगह दी थी. ममता बनर्जी ने यूसुफ की जगह अभिषेक बनर्जी का नाम प्रतिनिधिमंडल के लिए दिया है. इसकी भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने आलोचना की है.

शुभेंदु अधिकारी ने कहा, “ममता बनर्जी ने बेहद घृणित कार्य किया है, उन्होंने वैश्विक मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल जैसे महत्वपूर्ण अवसर को अपनी तुच्छ राजनीति के लिए चुना. यूसुफ पठान की जगह ममता अपने भतीजे को प्रतिनिधिमंडल में चाहती थी, इसलिए उन्होंने विरोध किया था. राष्ट्रीय हित के मुद्दे पर भी वह अपने भतीजे के लिए सीट सुनिश्चित करने के बारे में चिंतित थीं.

उन्होंने कहा कि अगर ममता बनर्जी ने यूसुफ पठान की जगह किसी अनुभवी और समझदार व्यक्ति को नामित किया होता तो संदेह का लाभ दिया जा सकता था. लेकिन अफसोस, पश्चिम बंगाल को एक बार फिर वंशवादी अधिकार के बोझ तले दबना पड़ा है. बंगाल ने भाई-भतीजावाद के लिए वोट नहीं दिया.

अभिषेक बनर्जी को प्रतिनिधिमंडल में नामित किए जाने के बाद तृणमूल कांग्रेस के आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल पर पोस्ट किया गया है. जिसमें लिखा है, “हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमारी अध्यक्ष ममता बनर्जी ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की वैश्विक पहुंच के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में तृणमूल कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करने के लिए राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी को नामित किया है. ऐसे समय में जब दुनिया को आतंकवाद के बढ़ते खतरे का सामना करने के लिए एकजुट होना चाहिए, अभिषेक बनर्जी का शामिल होना दृढ़ विश्वास और स्पष्टता दोनों लाता है. उनकी उपस्थिति न केवल आतंकवाद के खिलाफ बंगाल के दृढ़ रुख को दर्शाएगी बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की सामूहिक आवाज को भी मजबूत करेगी.”

भारत सरकार द्वारा सभी दलों के सांसदों को मिलाकर बनाए गए प्रतिनिधिमंडल का लक्ष्य विदेशों में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता को बताने के साथ-साथ पाकिस्तान के झूठ का पर्दाफाश करना भी है. इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के शशि थरूर और एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल हैं.

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