नोएडा पुलिस ने किया श्रीनगर से वांछित इनामी गैंगस्टर को गिरफ्तार

नोएडा, 21 अगस्त . नोएडा पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए गैंगस्टर एक्ट में वांछित और 20 हजार रुपये के इनामी अभियुक्त को गिरफ्तार किया है. थाना सेक्टर-24 पुलिस की टीम ने यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर पुलिस की मदद से की. पुलिस के मुताबिक, श्रीनगर निवासी आरोपी मोहम्मद अशरफ भट्ट लंबे समय से फरार चल रहा था और उसकी तलाश पुलिस को कई वर्षों से थी.

जानकारी के अनुसार, 20 अगस्त 2025 को थाना सेक्टर-24 पुलिस ने श्रीनगर के थाना सैडर क्षेत्र में दबिश दी. इस दौरान स्थानीय पुलिस की सहायता से अभियुक्त मोहम्मद अशरफ भट्ट को बाग़त बुरजुल्ला इलाके से हिरासत में लिया गया. गिरफ्तारी के बाद आरोपी को न्यायिक ट्रांजिट रिमांड के लिए अदालत में पेश किया गया.

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अभियुक्त की गिरफ्तारी के लिए विशेष न्यायाधीश गैंगस्टर एक्ट, गौतमबुद्धनगर द्वारा गैर जमानती वारंट (एन बी डब्लू) जारी किया गया था. साथ ही, गौतमबुद्धनगर के पुलिस उपायुक्त द्वारा आरोपी पर 20,000 रुपये का इनाम घोषित किया गया था. गिरफ्तार आरोपी अशरफ भट्ट (उम्र लगभग 70 वर्ष) के खिलाफ उत्तर प्रदेश, दिल्ली और गाजियाबाद में कई गंभीर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. इनमें चोरी, ठगी, धोखाधड़ी, जालसाजी और गैंगस्टर एक्ट जैसी धाराएं शामिल हैं.

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक वर्ष 2021 में थाना सेक्टर-58 नोएडा में आरोपी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था. इसके अलावा 2020 में थाना सेक्टर-58 नोएडा में धोखाधड़ी, जालसाजी और चोरी सहित कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया था. आरोपी के खिलाफ 2020 में ही थाना सेक्टर-20 नोएडा में चोरी व अन्य अपराधों से जुड़े कई मुकदमे दर्ज हुए थे.

इस आरोपी के खिलाफ गाजियाबाद के कवि नगर थाने और दिल्ली के लाजपत नगर, कालकाजी तथा गाजीपुर थानों में भी चोरी और धोखाधड़ी से जुड़े कई मामले दर्ज हैं. पुलिस के मुताबिक मोहम्मद अशरफ भट्ट लंबे समय से संगठित गिरोह के साथ सक्रिय था और कई राज्यों में अपराध की घटनाओं को अंजाम देता रहा है.

उसकी गिरफ्तारी को नोएडा पुलिस की एक बड़ी सफलता माना जा रहा है. पुलिस आरोपी से पूछताछ कर यह जानने का प्रयास कर रही है कि उसके गैंग से जुड़े और कौन-कौन से लोग अब भी सक्रिय हैं और उन्होंने किन-किन घटनाओं को अंजाम दिया है. पुलिस का मानना है कि आरोपी की गिरफ्तारी से चोरी और संगठित अपराध की कई घटनाओं का खुलासा हो सकता है.

पीकेटी/केआर