नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट विस्तार: तीसरे और चौथे चरण के लिए भूमि अधिग्रहण शुरू, 14 गांव होंगे प्रभावित

ग्रेटर नोएडा, 25 जुलाई . नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जेवर के विस्तार की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए जिला प्रशासन ने तीसरे और चौथे चरण के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके तहत 14 गांवों की कुल 1857.7706 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जाएगी. जिला प्रशासन ने पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन की स्कीम का ड्राफ्ट भी जारी कर दिया है, जिसमें प्रभावित परिवारों के लिए मुआवजा और पुनर्वास से जुड़ी विस्तृत जानकारी दी गई है.

प्रशासनिक दस्तावेजों के अनुसार, तीसरे और चौथे चरण में तीन अतिरिक्त रनवे बनाए जाने की योजना है. एयरपोर्ट के पूरे विस्तार में कुल 6 रनवे बनाए जाएंगे, जिससे यह एयरपोर्ट India का सबसे बड़ा हवाई अड्डा बन जाएगा. अब तक पहले और दूसरे चरण के लिए 2699 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण पूरा हो चुका है और एक रनवे के साथ निर्माण कार्य तेजी से प्रगति पर है. परियोजना का वाणिज्यिक संचालन अक्टूबर 2025 तक शुरू होने की उम्मीद है.

इस विस्तार परियोजना से कुल 17945 परिवार प्रभावित होंगे, यानी करीब 27357 लोगों को विस्थापित किया जाएगा. इन्हें जेवर तहसील के 7 गांवों, बनवारीवास, किशोरपुर, रामनेर, नीमका शाहजहांपुर, ख्वाजपुर, थोरा और जेवर बंगार में पुनर्वासित किया जाएगा. हालांकि, नीमका शाहजहांपुर, ख्वाजपुर और थोरा गांवों के कई किसानों ने भूमि सर्वे का विरोध किया, जिसके कारण इन गांवों के कुछ हिस्सों को फिलहाल पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया है.

प्रस्तावित अधिग्रहण की प्रक्रिया उत्तर प्रदेश Government द्वारा ‘भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013’ के तहत की जा रही है. इस अधिनियम की धारा-16 के अंतर्गत पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन प्रशासक द्वारा योजना का ड्राफ्ट तैयार किया गया है. इस विस्तार के कारण 7 Governmentी स्कूलों को भी स्थानांतरित किया जाएगा, जिससे विद्यार्थियों की शिक्षा पर न्यूनतम असर हो, इसके लिए भी वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है.

यह एयरपोर्ट दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और हिंडन एयरबेस के बाद तीसरा बड़ा हवाई केंद्र बनेगा. इसके अलावा, यह एयरपोर्ट ताजमहल, मथुरा, वृंदावन जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों के निकट होने के कारण पर्यटन को भी बढ़ावा देगा. गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय की ओर से सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन (सोशल इंपैक्ट असेसमेंट) की रिपोर्ट तैयार कर राज्य Government को प्रस्तुत की गई थी. इसके आधार पर बहुशाखीय विशेषज्ञ समूह की सिफारिशों के साथ राज्य Government ने 8 जनवरी 2025 को इसे स्वीकृति प्रदान की. अब आगे की प्रक्रिया के तहत भूमि अधिग्रहण के साथ पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन की कार्यवाही को तेजी से अमल में लाया जाएगा, ताकि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के तीसरे और चौथे चरण का कार्य निर्धारित समयसीमा में पूरा हो सके.

पीकेटी/पीएसके