नोएडा, 9 जुलाई . नोएडा प्राधिकरण ने लगातार मिल रही भूजल दोहन की शिकायत को लेकर कार्रवाई की है. इसके तहत दो बिल्डरों पर 5-5 लाख का जुर्माना लगाया गया है और छह बिल्डर प्रोजेक्ट पर एफआईआर दर्ज कराई गई है.
प्राधिकरण को लगातार आसपास के लोगों से शिकायत मिल रही थी. लोगों का आरोप था कि डी-वाटरिंग के चलते जलस्तर लगातार नीचे गिर रहा है.
प्राधिकरण ने जानकारी देते हुए बताया है कि नोएडा क्षेत्र के अंतर्गत सेक्टर-153, 154 व 156 में आवंटित भूखंडों पर भू-स्वामियों द्वारा ग्रुप हाउसिंग परियोजनाओं के निर्माण के लिए पंपिंग के द्वारा अवैध तरीके से डी-वाटरिंग की शिकायत दी गई.
आरोप लगा है कि नोएडा क्षेत्र का जलस्तर कम हो रहा है, जो बेहद चिंताजनक है. इसी क्रम में प्राधिकरण ने 3 जून को प्रभारी निरीक्षक थाना नॉलेज पार्क ग्रेटर नोएडा को सेक्टर 153, 154 व 156 में भूखंड के आवंटियों को आंवटित किए गए भूखंड में अवैध रूप से डी-वाटरिंग करते हुए निर्माण कार्य के लिए छह परियोजनाओं यूनिएक्सेल डेवलपर्स, मांट्री एटायर, जैम विजन टेक, किंग पेसइनफॉर्मेशन, वेक्सटेक कंडोमीनम और मदरसन सुमी इन्फोटेक एंड डिजाइन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराते हुए उन पर जुर्माना लगाया गया है.
इसके अलावा प्राधिकरण के जल विभाग ने जल दोहन पर रोक लगाते हुए दोषी पाए गए ऐस ग्रुप और यूनिएक्सल/एसडी प्रिकास्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ कार्रवाई किए जाने के लिए 20 मई को पत्र लिखा था. नोएडा प्राधिकरण ने प्रेषित पत्र का संज्ञान लेते हुए भूगर्भ जल अधिनियम-2019 के तहत परियोजनाओं पर अवैध रूप से भूजल दोहन करने के लिए प्रत्येक परियोजना पर 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है.
नोएडा प्राधिकरण ने सभी आवंटियों को चेतावनी दी है कि जनहित में जल दोहन पर रोक लगाई जाए और अगर कोई भी दोषी पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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पीकेटी/एबीएम