नोएडा : साइबर क्राइम पुलिस ने धोखाधड़ी के शिकार शख्स के खाते में वापस कराई 1.55 करोड़ रुपये की राशि

नोएडा, 31 जनवरी . नोएडा साइबर क्राइम थाना पुलिस ने साइबर धोखाधड़ी की एक घटना का पर्दाफाश करते हुए पीड़ित को 1 करोड़ 55 लाख रुपये की पूरी राशि वापस कराने में सफलता पाई. यह राशि 6 दिसंबर 2024 को पीड़ित से धोखे से ली गई थी. इस मामले में साइबर क्राइम थाने में 19 दिसंबर को मुकदमा दर्ज किया गया था.

पुलिस ने बताया है कि पीड़ित की कंपनी ने 6 दिसंबर 2024 को यूके के एक वेंडर से रॉ-मटेरियल प्राप्त करने के लिए संपर्क किया था. इस बीच एक अज्ञात व्यक्ति ने उस वेंडर की फर्जी ईमेल आईडी तैयार की और धोखाधड़ी कर विदेशी मुद्रा में करीब 1.55 करोड़ रुपये की ठगी कर ली.

पीड़ित ने अपने बैंक को बाउचर देकर राशि भेज दी थी. बाद में, असली वेंडर से ईमेल मिलने के बाद उन्हें अपने साथ हुई धोखाधड़ी का पता चला. असली वेंडर ने ईमेल में बताया था कि उन्हें भुगतान प्राप्त नहीं हुआ है.

इसके बाद पीड़ित को पता चला कि किसी ने वेंडर की ईमेल आईडी का डोमेन बदलकर फिशिंग ईमेल भेजा था, जिससे धोखाधड़ी की घटना घटी थी. नोएडा की साइबर क्राइम थाना पुलिस ने इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की. पुलिस ने अथक प्रयास कर पीड़ित के बैंक खाते में शुक्रवार को 1 करोड़ 55 लाख रुपये की पूरी राशि वापस कराने में सफलता पाई.

इस घटना के बाद साइबर क्राइम पुलिस ने फिशिंग ईमेल से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं. इस प्रकार की धोखाधड़ी से साइबर सुरक्षा से संबंधित सावधानियां बरत कर कोई भी व्यक्ति बच सकता है.

फिशिंग ई मेल से बचने के लिए सुझाव दिए गए हैं कि प्रेषक का सत्यापन करें, अनजान या संदिग्ध ई मेल पते से आई मेल पर भरोसा न करें. ग्रामर और स्पेलिंग जांचें, फिशिंग ई मेल में अक्सर गलतियां होती हैं. अचानक अनुरोधों से सावधान रहें, यदि कोई ई मेल तत्काल पासवर्ड अपडेट, पेमेंट या गोपनीय जानकारी मांग रहा है, तो सतर्क रहें. संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें, किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से पहले उस पर होवर करें और जांच करें कि वह असली वेबसाइट की ओर इशारा कर रहा है या नहीं.

पुलिस के मुताबिक अटैचमेंट न खोलें, यदि स्रोत संदिग्ध हो, तो अटैचमेंट खोलने से बचें, क्योंकि इसमें मैलवेयर हो सकता है.

पीकेटी/