नोएडा, 13 जून . नोएडा प्राधिकरण ने शुक्रवार को यमुना के डूब क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण और कब्जे के खिलाफ कार्रवाई करते हुए लगभग 40 हजार वर्ग मीटर जमीन को कब्जामुक्त कराया. इस जमीन पर कुछ लोगों द्वारा अवैध प्लॉटिंग की जा रही थी और इसे लोगों को बेचा जा रहा था.
प्राधिकरण के मुताबिक, इस जमीन की अनुमानित कीमत करीब 6 करोड़ रुपए आंकी गई है. कार्रवाई के दौरान पांच पक्के निर्माणों को ध्वस्त किया गया और अवैध रूप से खींची गई दीवारों को हटाया गया, जिनका उपयोग प्लॉटिंग के लिए किया जा रहा था. यह जमीन नोएडा प्राधिकरण की अधिसूचित भूमि है, जिस पर किसी भी प्रकार की खरीद-फरोख्त या निर्माण पूरी तरह प्रतिबंधित है.
इस अभियान में सर्किल-10 की टीम, भूलेख विभाग और पुलिस बल की मौजूदगी में कार्रवाई की गई. मौके पर 70 कर्मचारी, 5 जेसीबी मशीनें और 2 डंपर लगाकर बुलडोजर कार्रवाई को अंजाम दिया गया. प्राधिकरण ने लोगों से अपील की है कि वे भूमि माफियाओं के झांसे में न आएं और किसी भी तरह की अवैध संपत्ति की खरीद से बचें.
नोएडा प्राधिकरण ने जानकारी दी कि शहर में अब तक करीब 150 इमारतों को “अवैध निर्माण” घोषित किया जा चुका है. इनमें कई रिहायशी और कमर्शियल इमारतें शामिल हैं, जिनकी शीघ्र ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी. प्राधिकरण ने दोहराया कि नोएडा में अवैध निर्माण किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
नोएडा के कई सेक्टर जैसे 94, 124, 125, 127, 128, 131, 133, 134, 135 और 168 यमुना नदी के डूब क्षेत्र में आते हैं, जबकि हिंडन नदी छिजारसी से होते हुए सेक्टर 63ए, बेहलोलपुर, शहदरा, सुथियाना, गढ़ी चौखंड़ी, सेक्टर 123, 118, 115, 143, 143ए, 148, 150 और मोमनाथल के पास से होकर बहती है.
इन नदियों के किनारे की जमीन को ही डूब क्षेत्र माना जाता है, जहां किसी भी प्रकार के निर्माण और सौदेबाजी पर कानूनी रूप से प्रतिबंध है. पिछले डेढ़ वर्षों में प्राधिकरण द्वारा 150 से अधिक अवैध फार्म हाउसों को ध्वस्त किया जा चुका है. हालांकि, कई मामलों में मालिकों ने हाईकोर्ट का रुख कर कार्रवाई को चुनौती दी थी, जिससे कुछ समय के लिए अभियान रुका था.
बाद में कोर्ट से राहत न मिलने पर प्राधिकरण ने दोबारा से अभियान को तेज किया. अब एक बार फिर फार्म हाउसों के खिलाफ बड़ा ध्वस्तीकरण अभियान शुरू करने की तैयारी की जा रही है. नोएडा प्राधिकरण की यह मुहिम शहर में नियमित और कानूनी विकास सुनिश्चित करने के लिए चल रही है और भविष्य में भी अवैध निर्माण के खिलाफ ऐसी सख्त कार्रवाई जारी रहेगी.
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पीकेटी/डीएससी/एबीएम