चंडीगढ़, 5 नवंबर . हरियाणा के परिवहन मंत्री अनिल विज ने परिवहन विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश में बिना नंबर के कोई भी वाहन सड़क पर नहीं होना चाहिए.
उन्होंने दो टूक कहा, “अगर ऐसा कोई भी वाहन पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.”
इसके साथ ही उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि कोई भी सरकारी बस, किसी भी प्राइवेट ढ़ाबे पर खड़ी न मिले.
अनिल विज आज यहां परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे.
उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि सभी महाप्रबंधक (जीएम) प्रतिदिन बस स्टैंड चैक करें और प्रदेश में बिना परमिट के चलने वाले वाहनों पर सख्त कार्रवाई की जाए.
उन्होंने कहा कि बसों के आने-जाने के समय इत्यादि की व्यवस्था को लेकर हर तरह से निगरानी की जाए.
विज ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश के सभी बस स्टैडों पर पीने के पानी की व्यवस्था, साफ-सफाई, यात्रियों के बैठने के लिए बेंच, लाईट और पंखों सहित रख-रखाव के कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर दुरुस्त किया जाए.
इसके साथ ही वहां पर खाने-पीने की वस्तुओं को प्रतिदिन चेक करवाया जाए.
परिवहन मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिस प्रकार से रेलवे ने अपने यात्रियों के लिए कैंटीन बनाई हुई है. इसी तर्ज पर प्रदेश के बस स्टैडों पर कैंटीन बनाने की संभावनाएं तलाशी जाए ताकि बस स्टैंड पर आने वाले यात्रियों को बेहतर व्यवस्थाएं दी जा सके.
उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि प्रदेश की हर सड़क पर स्पीड बोर्ड लगाए जाएं. साथ ही दुर्घटना वाले स्थानों को चिन्हित किया जाए. इसका मुख्य उद्देश्य प्रदेश में प्रतिवर्ष होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को रोकना और कम करना है.
विज ने अधिकारियों के निर्देश दिए कि विभाग के कर्मचारियों का वेतन समय पर मिले. इसके साथ ही विभाग में किसी भी कर्मचारी व अधिकारी की पदोन्नति नहीं रूकनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि वाहनों की फिटनेस के लिए नई तकनीक के उपकरण खरीदे जाएं. परिवहन मंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि बस ड्राइवर व कंडक्टर की फिटनेस के लिए एक पॉलिसी तैयार की जाए, जिसमें उनकी फिटनेस से संबंधित नियम बनाए जाए.
परिवहन मंत्री को अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में 4040 बसें, 24 बस डिपो व 13 सब डिपो हैं. इसके साथ ही 649 रूटों पर राज्य के अंदर रूट, 443 राज्य के बाहर रूट, 877 गांवों के बस रूट हैं.
उन्होंने यह भी बताया कि प्रतिदिन लगभग 11 लाख किलोमीटर बसें चलती हैं, जिसमें प्रतिदिन 10 लाख से अधिक यात्री यात्रा करते हैं.
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एसएचके/जीकेटी