शिमला, 4 नवंबर . हिमाचल प्रदेश में मौसम ने 123 साल में तीसरी बार रिकॉर्ड तोड़ा है. मौसम विभाग के अनुसार हिमाचल प्रदेश में 123 साल में तीसरा सबसे शुष्क अक्टूबर रहा, जिसमें 97 फीसदी बारिश की कमी रही.
इस महीने में राज्य में सामान्य 25.1 मिमी की तुलना में 0.7 मिमी बारिश हुई है. आंकड़ों पर नजर डालें तो अक्टूबर माह में हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन, सिरमौर, कुल्लू और चंबा में 100 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई है.
शिमला और लाहौल-स्पीति में 99 प्रतिशत, किन्नौर में 98 प्रतिशत, कांगड़ा में 94 प्रतिशत, मंडी में 83 प्रतिशत और ऊना में 54 प्रतिशत कम बारिश हुई है. हिमाचल प्रदेश में 1901 के बाद से अक्टूबर के माह में तीसरी बार सबसे कम बारिश हुई है.
मौसम विभाग शिमला केंद्र के विज्ञानी संदीप शर्मा ने कहा कि अक्टूबर महीने में सबसे अधिक बारिश 1955 में 413.5 मिमी दर्ज की गई थी. इस बीच लाहौल-स्पीति के कोकसर में 9 और 10 अक्टूबर को बर्फबारी के निशान मिले. 6 अक्टूबर को छोड़कर अधिकांश दिनों में राज्य भर में मौसम शुष्क रहा. स्थानीय मौसम कार्यालय के अनुसार लाहौल-स्पीति के ताबो में पिछले 24 घंटों में सबसे ठंडा तापमान शून्य से 2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जबकि हमीरपुर में सबसे अधिक 35.3 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया.
हिमाचल में अगले अगले सात दिनों तक मौसम साफ रहने की भी संभावना व्यक्त की है. साथ ही मौसम शुष्क रहेगा, जिससे अधिकतम तापमान में और वृद्धि होगी. हिमाचल में तापमान भी सामान्य से पांच डिग्री ज्यादा चल रहा हैं. कांगड़ा और भुंतर में तापमान ने पिछले 20 सालों का रिकॉर्ड टूटा है.
हिमाचल प्रदेश में तापमान 4 नवंबर, 2024 को 21.37 डिग्री सेल्सियस है. दिन का पूर्वानुमान न्यूनतम और अधिकतम तापमान क्रमशः 12.91 डिग्री सेल्सियस और 24.11 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है. सापेक्ष आर्द्रता 40% है और हवा की गति 40 किमी/घंटा है. सूरज सुबह 06:35 बजे उगेगा और शाम 05:27 बजे अस्त होगा.
कल मंगलवार, 5 नवंबर, 2024 को हिमाचल प्रदेश में न्यूनतम और अधिकतम तापमान क्रमशः 11.49 डिग्री सेल्सियस और 23.15 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है. आर्द्रता का स्तर 39 प्रतिशत रहेगा.
बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कुल्लू, सिरमौर और सोलन जिलों में बिल्कुल भी बारिश नहीं हुई, जिससे सूखे जैसे हालात बन गए हैं. यह स्थिति विशेष रूप से उन कृषि क्षेत्रों में चिंताजनक है जो सर्दियों की फसलों के लिए लगातार बारिश पर निर्भर रहते हैं.
बारिश की कमी और असामान्य गर्मी के कारण कृषि पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में चिंताएं बढ़ रही हैं. विशेषज्ञ स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं क्योंकि हिमाचल प्रदेश सर्दियों के बीच में इन जलवायु विसंगतियों से जूझ रहा है.
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एकेएस/एएस