New Delhi, 8 अगस्त . India निर्वाचन आयोग (ईसीआई) बिहार की मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण कर रहा है. नागरिकों को पूरी जानकारी देने के लिए नियमित रूप से प्रेस नोट और विज्ञापन जारी किए जा रहे हैं. इसी क्रम में Friday को दैनिक बुलेटिन जारी करते हुए चुनाव आयोग ने जानकारी दी कि बिहार की मसौदा मतदाता सूची के संबंध में किसी भी Political दल ने पिछले 7 दिन में कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई है.
चुनाव आयोग ने दोहराया कि बिहार की अंतिम मतदाता सूची में किसी भी पात्र मतदाता को न छोड़ा जाए और न ही किसी अपात्र मतदाता को शामिल किया जाए. इस दिशा में 1 अगस्त को प्रकाशित मसौदा मतदाता सूची में किसी भी त्रुटि को सुधारने के लिए अपने दावे और आपत्तियां दर्ज करा सकते हैं.
अहम यह है कि विपक्ष लगातार एसआईआर प्रक्रिया का विरोध कर रहा है. बड़ी संख्या में लोगों को मतदाता सूची से बाहर करके उनके अधिकार छीनने का आरोप लगाया जा रहा है, लेकिन मसौदा मतदाता सूची में नाम हटाने या सुधारों को लेकर किसी भी Political दल के बीएलए ने आपत्ति दर्ज नहीं कराई. चुनाव आयोग ने बूथ-वार मसौदा मतदाता सूची 1 अगस्त को प्रकाशित की थी, जो सभी Political दलों के साथ साझा भी की गई.
चुनाव आयोग ने यह भी जानकारी दी कि बिहार के सभी 12 मान्यता प्राप्त Political दलों ने भी अपने बीएलए की संख्या 1,38,680 से बढ़ाकर 1,60,813 कर दी है.
इस बीच, बिहार लंबी कतारों से बचने के लिए प्रति बूथ मतदाताओं की संख्या 1,200 तक सीमित करने वाला पहला राज्य बन गया. मतदान केंद्रों की संख्या 77,895 से बढ़ाकर 90,712 कर दी गई. इसी तरह, बीएलओ की संख्या भी 77,895 से बढ़ाकर 90,712 कर दी गई. बिहार के मतदाताओं की सहायता के लिए, स्वयंसेवकों की संख्या भी 1 लाख की जा रही है.
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डीसीएच/