राहुल गांधी के नेतृत्व को कोई स्वीकार नहीं करना चाहता : शहजाद पूनावाला

New Delhi, 20 जुलाई . भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने Sunday को Lok Sabha में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला और उन्हें इंडिया ब्लॉक का सबसे बड़ा बोझ बताया.

शहजाद पूनावाला ने शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे के बयान पर कहा कि महाविकास अघाड़ी अब महाविभाजन अघाड़ी का रूप ले चुकी है. क्योंकि, इंडी अलायंस में शामिल दलों को अहसास हो गया कि कांग्रेस पार्टी की वजह से ही गठबंधन डूबा है.

Sunday को से बातचीत के दौरान भाजपा नेता ने कहा कि ‘आप’ और उद्धव ठाकरे द्वारा राहुल गांधी पर अविश्वास जताए जाने के बाद, अब भाकपा भी इस सुर में सुर मिला रही है. भाकपा ने कहा है कि कोई भी समझदार व्यक्ति आरएसएस की तुलना वामपंथी दलों से नहीं कर सकता. राहुल गांधी में हमेशा परिपक्वता की कमी दिखती है. कांग्रेस को उन्हें सलाह देनी चाहिए. ऐसा व्यक्ति इंडिया ब्लॉक कैसे चला सकता है.

इंडी अलायंस पर भाजपा नेता ने कहा कि केरल में कांग्रेस वामपंथियों से लड़ती है. बंगाल में वे हाथ मिला लेते हैं. यह एक दूरदर्शिता हीन गठबंधन है जिसका नजरिया केवल भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी तक ही सीमित है. उन्होंने आगे आरोप लगाया कि इंडिया ब्लॉक के कई घटक दल कांग्रेस के नेतृत्व पर भरोसा नहीं करते.

पूनावाला ने दावा किया, ‘आप’ के संजय सिंह ने हाल ही में कहा था कि वे गठबंधन का हिस्सा नहीं हैं. उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में हार के लिए अहंकार के टकराव और आखिरी समय में सीट बंटवारे में देरी को जिम्मेदार ठहराया. बिहार और उत्तर प्रदेश में तो राजद और सपा ने भी कहा है कि राहुल को नेतृत्व की भूमिका से हट जाना चाहिए.

भूपेश बघेल के बेटे पर भ्रष्टाचार के मामले पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि एक चोर हमेशा पुलिस से सवाल करता है. ये नेता हमेशा पीड़ित होने का दिखावा करते हैं, चाहे वह लालू यादव हों या कोई और. उन्हें पांच बार दोषी ठहराया जा चुका है, लेकिन आप राजद में किसी को भी उन्हें ‘चारा चोर’ कहते नहीं सुनेंगे. उनकी भगत सिंह से तुलना की जाती है. लेकिन भ्रष्टाचार करेंगे तो भुगतना पड़ेगा.

महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी के पतन पर उन्होंने कहा कि गठबंधन में कोई भी राहुल गांधी के नेतृत्व को स्वीकार करने को तैयार नहीं है. मानूसन सत्र को लेकर उन्होंने कहा कि संसद सत्र शुरू होते ही ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम समेत हर मुद्दे पर चर्चा होगी. इन चर्चाओं में राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखा जाना चाहिए.

डीकेएम/एएस