कोई पाकिस्तान या नेपाल की नहीं, बल्कि भारत के लोकतंत्र की देते हैं मिसालें : सचिन पायलट

जयपुर, 20 मई . कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट ने मंगलवार को भारतीय लोकतंत्र की तारीफ की. उन्होंने कहा कि दुनिया में कई देश हैं, जहां लोकतांत्रिक व्यवस्था कायम है, लेकिन भारत का लोकतंत्र सबसे जीवंत और दृढ़ है.

उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि आज कई बड़े देश हमारे लोकतंत्र का उदाहरण देते हैं. कोई भी पाकिस्तान के लोकतंत्र की मिसाल नहीं देता है. कोई श्रीलंका या नेपाल का उदाहरण नहीं देता. सभी भारतीय लोकतंत्र की बात करते हैं. मुझे लगता है कि यह मुकाम सभी प्रधानमंत्रियों के अथक प्रयासों के परिणामस्वरूप ही प्राप्त हो पाया है, तो ऐसी स्थिति में इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता है कि कांग्रेस का योगदान इस दिशा में सबसे ज्यादा रहा है, क्योंकि कांग्रेस ने ही इस देश में सबसे लंबे समय तक शासन किया है, ऐसे में निश्चित तौर पर कांग्रेस ने इस देश के लोकतंत्र को नया आकार दिया है.

उन्होंने राजीव गांधी की भी तारीफ की. उन्होंने कहा कि वह बहुत ही कम समय तक प्रधानमंत्री रहे, लेकिन बहुत ही अल्पकाल में उन्होंने कई अभूतपूर्व कदम उठाए. उन्होंने युवाओं को मतदान का अधिकार दिया. संचार क्रांति उन्हीं की देन है. उन्होंने कई ऐसे कदम उठाए, जिसके परिणामस्वरूप आज विकास की गति तेज हुई है.

इसके अलावा, सचिन पायलट ने आतंकवाद को लेकर भी अपने सख्त रुख का परिचय दिया. उन्होंने कहा कि मैं पहले भी आतंकवाद को लेकर अपनी बात कह चुका हूं. आतंकवाद को लेकर किसी भी प्रकार का किंतु-परंतु नहीं होना चाहिए. आतंकवाद से हम लोग त्रस्त हो चुके हैं. ऐसी स्थिति में हम सभी लोगों को पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों को परास्त करने के लिए एकजुट होना होगा.

साथ ही उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की भी तारीफ की. उन्होंने जिस तरह से हमारी सेना ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया, उसे लेकर मैं अपनी सेना को धन्यवाद देना चाहूंगा. उन्होंने जिस बहादुरी से पाकिस्तानी आतंकवादियों के ठिकानों को ध्वस्त किया, उसकी तारीफ की जानी चाहिए. इसके अलावा, न केवल सैनिकों बल्कि उनके परिवारों को भी धन्यवाद देना चाहिए, जिन्होंने अपने वीर सपूतों को सीमा पर देश की रक्षा के लिए भेजा. भारतीय सेना देश की रक्षा के लिए अपना सब कुछ कुर्बान करने के लिए तैयार रहती है.

उन्होंने युद्धविराम को लेकर कहा कि जिस तरह से किसी तीसरे मुल्क ने युद्धविराम की घोषणा की, वह अप्रत्याशित था. युद्धविराम की घोषणा के बाद पाकिस्तान ने हमले किए. उसने सीमा पर गोलीबारी की और मोर्टार दागे. इसमें कई निहत्थे लोगों की जान गई.

कांग्रेस नेता ने आईएमएफ की तरफ से पाकिस्तान को आर्थिक सहायता दिए जाने पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि जिस तरह से पाकिस्तान को आईएमएफ की तरफ से आर्थिक सहायता दी गई, उससे कई तरह के सवाल खड़े होते हैं. यही नहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति यहां तक कह देते हैं कि हम आने वाले दिनों में पाकिस्तान के साथ व्यापार करेंगे. अब ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि इस बात की क्या गारंटी है कि पाकिस्तान अपने संसाधनों का इस्तेमाल टेरर फंडिंग के लिए नहीं करेगा. वह आतंकवाद को बढ़ावा नहीं देगा. इस बात की कोई गारंटी नहीं है, इसलिए सरकार को इस मुद्दे को लेकर अपनी बात स्पष्ट कर देनी चाहिए.

उन्होंने जम्मू-कश्मीर को लेकर कहा कि यह एक द्विपक्षीय मुद्दा है. इस विषय का किसी भी कीमत पर अंतरराष्ट्रीयकरण नहीं किया जाना चाहिए.

एसएचके/जीकेटी