श्रीनगर, 10 दिसंबर . उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार होने की संभावना फिलहाल नजर नहीं आ रही है.
जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (जेकेपीसीसी) के प्रमुख तारिक हमीद कर्रा ने भी राज्य स्तर पर बातचीत की संभावना को खारिज कर दिया.
तारिक कर्रा ने कहा कि अभी हम कुछ टिप्पणी नहीं कर सकते. पीसीसी प्रमुख के रूप में हमसे संपर्क नहीं किया गया है कि क्या हम जम्मू-कश्मीर सरकार का हिस्सा होंगे या नहीं होंगे.
उन्होंने आगे कहा कि जहां तक रोहिंग्या का सवाल है, हमें देखना होगा कि रोहिंग्या की आड़ में कहीं हिन्दुस्तानी मुसलमानों को तो शिकार नहीं बनाया जा रहा है. इस वक्त बीजेपी और आरएसएस का जो तरीका है वो हर चीज़ को इस्लामोफोबिया का चोला पहना रखा है. जिसके तहत वह यहां के हिंदुस्तानी को उसी के दायरे में लाने की कोशिश कर रहे हैं. जहां तक राज्य की बात है, दिन-प्रतिदिन मानव की जो जरूरतें है, उसे बंद करना है एक आपराधिक कृत्य की श्रेणी में आता है.
जम्मू-कश्मीर की नवनिर्वाचित उमर अब्दुल्ला सरकार प्रदेश में रोहिंग्याओं के लिए पानी की आपूर्ति बहाल करेगी, जिसे जम्मू-कश्मीर प्रशासन के निर्देश पर काट दिया गया था.
राज्य के जल शक्ति मंत्री जावेद राणा ने शनिवार से कहा कि रोहिंग्याओं को बिजली-पानी देना सरकार का कर्तव्य है. पूरे देश में रोहिंग्या का मुद्दा है. हम मानवीय आधार पर कुछ फैसले करेंगे. जहां तक पानी और बिजली कनेक्शन की बात है तो मुझे हैरानी हो रही है कि डिपार्टमेंट ने कनेक्शन काट कैसे दिए. इस मामले पर मैंने जल शक्ति विभाग को निर्देश दे दिए हैं. इन इलाकों में जल आपूर्ति नियमित रहेगी. एक राज्य में बसने वाले सभी लोगों को सारी सुविधाएं मुहैया कराना हमारा कर्तव्य है. रोहिंग्या को भी बिजली, पानी देना हमारा फर्ज है और हम उनको देंगे.
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एकेएस/जीकेटी