अगले साल फरवरी में चुनाव कराने से कोई नहीं रोक सकता है: बीएनपी

ढाका, 30 अगस्त . अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले बांग्लादेश में Political टकराव और गहराता जा रहा है. बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने Saturday को कहा कि जो लोग आनुपातिक प्रतिनिधित्व (पीआर) प्रणाली का समर्थन कर रहे हैं, उनके “गुप्त इरादे” हैं. पार्टी ने स्पष्ट किया कि बांग्लादेश के संविधान में कहीं भी पीआर प्रणाली का उल्लेख नहीं है.

नेट्रोकोना जिला बीएनपी की त्रैवार्षिक परिषद के उद्घाटन पर बीएनपी की स्थायी समिति के सदस्य सलाहुद्दीन अहमद ने कट्टरपंथी इस्लामिक पार्टी जमात-ए-इस्लामी पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधा.

उनके बयान के मुताबिक, अगर चुनाव पीआर प्रणाली के तहत नहीं हुए तो वे बांग्लादेश में चुनाव नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा, “आज मैं ऐलान कर रहा हूं कि राष्ट्रीय चुनाव अगले साल फरवरी के पहले पखवाड़े में, रमजान शुरू होने से पहले ही होंगे. कोई भी इसे रोक नहीं पाएगा.”

सलाहुद्दीन ने संविधान का हवाला देते हुए कहा, “अनुच्छेद 65(2) में साफ लिखा है कि संसद के 300 सदस्य क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्रों से प्रत्यक्ष रूप से चुने जाएंगे. कहीं भी पीआर प्रणाली का उल्लेख नहीं है.”

उन्होंने आरोप लगाया कि भ्रामक बयान देकर चुनाव टालने या बाधित करने की कोशिश करने वाले जनता को गुमराह कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “उम्मीदवार जनता के बीच पहुंच रहे हैं और लोग वोट देने को तैयार हैं. जो कोई भी चुनाव के खिलाफ बोलेगा, उसे जनता खारिज कर देगी.”

इस बीच, अंतरिम Government के प्रमुख सलाहकार के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने भी दोहराया कि चुनाव तय समय पर फरवरी के पहले पखवाड़े में ही होंगे और किसी भी ताकत से इन्हें रोका नहीं जा सकेगा.

उधर, Friday को जमात ने मुहम्मद यूनुस पर वादा तोड़ने का आरोप लगाया और कहा कि हाल ही में घोषित चुनावी रोडमैप स्वतंत्र चुनाव की राह को भटकाने की साजिश है. जमात नेता सैयद अब्दुल्ला मुहम्मद ताहेर ने कहा, “चुनाव आयोग ने गंभीर अपराध किया है कि उसने यह स्पष्ट किए बिना रोडमैप जारी कर दिया कि चुनाव पुरानी परंपरागत पद्धति से होंगे या प्रस्तावित पीआर प्रणाली से.”

उन्होंने चेतावनी दी, “हम इसे होने नहीं देंगे. हम Government और चुनाव आयोग को मजबूर करेंगे कि चुनाव जुलाई चार्टर रिफंड और पीआर के आधार पर ही कराए जाएं.”

गौरतलब है कि बीते साल हिंसक प्रदर्शनों के बीच शेख हसीना की अगुवाई वाली अवामी लीग Government को हटाने के बाद से बांग्लादेश में अगले आम चुनाव को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. यूनुस के साथ मिलकर हसीना को हटाने वाली Political पार्टियां अब सुधार प्रस्तावों और चुनाव की समयसीमा को लेकर आपस में ही टकराव के मूड में हैं.

डीएससी/